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300 कुपोषित बच्चों को आशा-आंगनबाड़ी ने पहुंचाया पोषण पुनर्वास केंद्र

ग़ाज़ीपुर। कुपोषण को दूर करने के लिए शासन के द्वारा लगातार पोषण मिशन के तहत कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं। इसी के क्रम में जनपद में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने हेतु पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) जो जिला अस्पताल में 26 दिसंबर 2016 से चल रहा है, में अब तक कुल 831 बच्चों को स्वस्थ किया जा चुका है। इन कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने में ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाली आशा और आंगनबाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान है।

न्यूट्रिशन काउंसलर गुंजा सिंह ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में मौजूदा समय में 6 बच्चे जो करंडा, जखनियां, कासिमाबाद और सदर ब्लाक के साथ ही ओपीडी से रेफर किए हुए हैं। बच्चों के इलाज के साथ ही उनके परिजनों की काउंसलिंग करने का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाली आशा और आंगनबाड़ियों के द्वारा अब तक करीब 300 कुपोषित बच्चों को यहां लाया गया है जिन्हें 14 दिनों तक एडमिट कर उनका इलाज किया जाता है।इस दौरान प्रतिदिन नोडल डॉ तनवीर अफरोज भ्रमण कर बच्चों के इलाज के बारे में जानकारी लेते हैं वहीं उनके परिजनों को उनके खानपान, रहन सहन और बच्चों की ‘कैसे देखभाल करें’ इस बारे में काउंसलिंग की जाती है। उन्होंने बताया कुपोषित बच्चों को निम्नतम 14 दिन और अधिकतम 28 दिन तक इस केंद्र में रखा जाता है और यहाँ से छुट्टी होने के बाद उनके घर पर 15-15 दिनों पर फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं इनके आने जाने के लिए ₹140 प्रति बच्चा इनके खाते में दिया जाता है जबकि 14 दिन तक एडमिट होने के दौरान प्रतिदिन ₹50 के हिसाब से उनके खाते में जाता है।उन्होंने बताया यहां पर आए हुए कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को उनकी कैटेगरी के अनुसार खानपान दिया जाता है जिसमें दूध के अलावा खिचड़ी, हलवा, खीर और अन्य खाद्य पदार्थ जो इनके पोषित होने में लाभकारी हो दिया जाता है। इसके अलावा कुपोषित बच्चे के साथ आए एक परिजन को भी भोजन उपलब्ध कराया जाता है। 831 बच्चों में से आशा और आंगनबाड़ियों के द्वारा करीब 300 कुपोषित बच्चे, आरबीएसके के द्वारा करीब 20 से 25 बच्चे और ओपीडी के द्वारा रेफर किए हुए बच्चे आ चुके हैं।