जमानियां।ताड़ीघाट रजवाहा से निकली हरपुर माइनर का किसानों ने सोमवार को चंदा इकठ्ठा कर जेसीबी मशीन से साफ कराया और सिंचाई विभाग सहित जन प्रतिनिधियों पर उदासीनता का आरोप लगाया।
किसान इस्तिहार, गौरीशंकर, जोड़ी यादव, मोहन यादव, मटरू, उमाशंकर, जवाहिर बिन्द, बलिस्टर आदि ने बताया कि सिंचाई विभाग की ओर से इस माइनर को बीते पांच वर्षो में एक बार भी साफ नही कराया गया। जिससे माईनर में टेल तक सिंचाई के लिए पानी नही पहुंच पा रहा था। बताया कि इस माइनर से हरपुर, कालनपुर, मथारे, ताजपुर मांझा, जगदीशपुर, चित्तावन पट्टी, मंझरिया, मतसा आदि गांवों के सैकड़ों किसान लाभांवित होते हैं और हजारों बीघा कृषि योग्य भूमि इसी माइनर पर निर्भर है। किसानों द्वारा बीते पांच वर्षों में कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों से 9 किलोमीटर लम्बा इस माइनर को साफ करवाने की गुहार लगायी लेकिन इस मुद्दे पर अधिकारी उदासीन और जन प्रतिनिधि मौन साधे रहे। जिससे क्षुब्ध होकर हरपुर और कालनपुर के किसानों ने मिटिंग की और नहर को साफ करने के लिए किसानों पर खेत के आधार पर 100 से 1000 रुपये तक चंदा लगाया गया। जिसके बाद सोमवार कि सुबह करीब 6 बजे से जेसीबी की सहायता से साफ सफाई का कार्य शुरू किया। किसानों ने बताया कि माईनर पक्का है और करीब 5 मीटर की चौड़ी है। जिसके दोनों तरफ मिट्टी की मोटी परत जम गयी है। जिस कारण से पानी पर्याप्त नही मात्र में नही पहुंच पा रहा था। कालनपुर के पास माईनर नाले के रूप में बह रही है। इस संबंध में एसडीओ सिंचाई अजय कुमार ने बताया कि बीते वर्ष एक किमी माइनर की सफाई करायी गयी थी। क्षेत्र में नहरों का जाल करीब 495 किमी लम्बा है। जिससे प्रतिवर्ष साफ करवाने में दिक्कत आती है। धन का अभाव के कारण जरूरी स्थानों पर ही साफ करवाया जाता है।