ज़मानियाँ। हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण एवं संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय द्वारा किया गया।
वृक्षारोपण पूर्व पर्यावरण संरक्षण में वृक्षारोपण की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह एक वृक्ष, दस पुत्र समान के उदघोष के साथ अपना व्याख्यान प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि पिघलते ग्लेशियर, झुलसाने वाली गर्मी, कहीं बाढ़ जैसे असन्तुलनकारी प्राकृतिक स्थितियां कटते वृक्षों व विगड़ते पर्यावरण के संकेत हैं, यदि इसे संरक्षित नहीं किया गया तो पृथ्वी पर जीवन से भी इनकार नहीं कर सकते। यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों की वास्तव में चिंता है तो उन्हें वृक्ष लगाने व उनकी सेवा करने की सीख देनी होगी। आइए हम सभी आज यह संकल्प लें कि अपने जीवन के हर्ष के अवसरों जैसे विवाह, शादी की वर्षगांठ आदि पर वृक्षारोपण कर रोपित वृक्षों की सेवा कर धरती को हर भरा और मानव तथा मानवेतर प्राणियों को रोग मुक्त बनाएंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शरद कुमार रोपित वृक्षों के सुरक्षा की चिंता करते हुए पशुओं, बंदरों से सुरक्षित रखने के लिए ट्री गार्ड हेतु महाविद्यालय के प्रबन्धक श्री लछि राम सिंह यादव से अनुरोध किया। प्रबन्धक ने तत्काल ट्री गार्ड बनवाने की अनुमति दी। वृक्षारोपण करने वालों में प्रबंध समिति के सदस्य रविन्द्र यादव, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती विमला देवी, राजनीतिशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मदन गोपाल सिन्हा, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. शशिनाथ सिंह, रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार, गणित विभागाध्यक्ष डॉ. कंचन कुमार राय, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. मातेश्वरी प्रसाद सिंह, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष रविन्द्र कुमार मिश्र, लेखाकार सत्य प्रकाश सिंह, पुस्तकालयाध्यक्ष मनीष कुमार सिंह, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव, डॉ. संजय कुमार राय, डॉ. अरुण कुमार सिंह, पुरा छात्र त्रिलोकीनाथ, सुनील कुमार चौरसिया, सतीश कुमार जायसवाल, प्रदीप कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, कमलेश प्रसाद, विरेन्द्र कुमार आदि ने रोपित वृक्षों को संरक्षित करने का संकल्प लिया।