ग़ाज़ीपुर। प्रदेश भर में विश्व स्तनपान सप्ताह “बेहतर आज और कल के लिए माता पिता को जागरूक करें स्तनपान को बढ़ावा दें” थीम के साथ एक से 7 सात अगस्त तक मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य माँ के दूध के फायदों को लेकर जागरूकता लाना और शिशु को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध पिलाने का लक्ष्य पाने के लिए जनजागरूकता लाना है।
इसी के क्रम में गाजीपुर में भी स्तनपान सप्ताह के मनाए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग और पोषण मिशन ने तैयारी कर ली है। इसके तहत 2 अगस्त को जिला महिला चिकित्सालय में एक गोष्ठी का भी आयोजन की जाएगी जिसमें जनसमुदाय को स्तनपान की महत्ता के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत जनपद के सभी 4,118 आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनमानस और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों के जरिये जागरूक किया जाएगा।इस संदर्भ में एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान को समर्थन देने के साथ ही स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना है। उन्होने बताया नवजात शिशु के लिए पहले ही घंटे के अंदर पीला गाढ़ा जो कोलेस्ट्रम संपूर्ण आहार होता है, आवश्यक रूप से पिलाना चाहिए। यह बच्चों में दस्त, निमोनिया जैसी बीमारी से होने वाली मृत्यु की संभावना को कम करता है। इसके साथ ही माँ को स्तन कैंसर का खतरा भी कम रहता है। नवजात शिशु को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए और इसके बाद दो वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक स्तनपान कराने के साथ-साथ अनुपूरक पूरक आहार भी देना चाहिए।उन्होने बताया स्तनपान एक नैसर्गिक प्रक्रिया है जिससे माँ और बच्चे के बीच में आपसी लगाव बेहद मजबूत होता है। वहीं बार-बार स्तनपान कराने से लगातार दूध भी बनता रहता है।
स्तनपान से होने वाले फायदे
स्तनपान कराने से शिशु के शारीरिक तथा मानसिक विकास होता है। शिशुओं में डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण का खतरा कम होता है। शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार एवं शिशु का मौलिक अधिकार भी है। स्तनपान जारी रखने से शिशु उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त करता है। स्तनपान कराने से कुपोषण की रोकथाम में मदद मिलती है।
आंकड़े पर एक नजर
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में एक घंटे के अन्दर स्तनपान की दर अभी मात्र 25.2 फीसदी है जो काफी काम है। छह माह तक केवल स्तनपान की दर 41.6 फीसद है जो कि अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी कम है। गाज़ीपुर जिले की बात करें तो यहाँ एक घंटे के अन्दर स्तनपान की दर अभी मात्र 27.4 प्रतिशत है जबकि छह माह तक केवल स्तनपान की दर 25.3 फीसद है।