ग़ाज़ीपुर।गंगा के जलस्तर में कमी आने से जिला प्रशासन राहत की सांस ले रहा है वहीं स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बढ़ गई है।इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया है। जिसका काम बाढ़ का पानी उतरने के बाद शुरू हो जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य ने बताया कि जनपद में पिछले 1 सप्ताह से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी।जिसको लेकर स्वास्थ विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि बाढ को देखते हुए कुल 92 मेडिकल टीम बनाई गई है जिसमें एक सुपरवाइजर, एक फील्ड वर्कर(एएनएम या बी एच डब्लू) व एक डॉक्टर की नियुक्ति की गई है जिनके साथ बाढ़ के दौरान आने वाली समस्याओं से संबंधित सभी इमरजेंसी मेडिसिन मौजूद है।उन्होंने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम में डॉ उग्रसेन, डॉ सत्येंद्र पाल, और डॉ अखिलेश सिंह के साथ ही हेल्थ सुपरवाइजर विनोद गुप्ता, फार्मासिस्ट दशरथ चौधरी और एलटी शामिल है। जिन्हें बाढ़ का पानी उतरने के बाद जिस भी इलाके में रोग फैलने की जानकारी मिलेगी वहां पर यह लोग पहुंचकर राहत कार्य करेंगे।इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एंटी स्नेक इंजेक्शन प्रचुर मात्रा में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है । सांप काटने की दशा में पीड़ित पास के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे जहां उन्हें एंटी स्नेक इंजेक्शन की सुविधा दी जाएगी।बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करंडा ,जमानिया, बाराचवर शुमार हैं। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बरुईन, मोहमदाबाद, गोडउर,सैदपुर ,रेवतीपुर, शुभाकरपुर, जखनिया शामिल है।