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शोधार्थी को साहित्यिक चोरी से बचना चाहिए-प्राचार्य प्रो.अरविन्द कुमार मिश्र

जमानियाँ।स्थानीय स्टेशन बाजार स्थित हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बृहस्पतिवार को पी-एच.डी. कोर्सवर्क का शुभारम्भ हुआ । कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया ।

डी.सी.एस.के. पी. जी. कॉलेज, मऊ के प्राचार्य प्रो. अरविन्द कुमार मिश्र जो कोर्स वर्क कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधारे थे ने शोध में साहित्यिक चोरी के सम्बन्ध में सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत कर शोधार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि शोधार्थी को साहित्यिक चोरी से बचना चाहिए और अनुसंधित्सुओं को गुणवत्तापरक शोध ही फलदायी हो सकता है। साहित्यिक चोरी को उन्होंने दण्डनीय अपराध बताया और शोधार्थियों को इसके प्रति सजग रहने की आवश्यकता पर बल दिया।


कार्यक्रम के दूसरे सत्र के आरम्भ में डी.सी.एस.के पी. जी. कॉलेज, मऊ के एसो. प्रोफेसर डॉ. शर्वेश पांडेय ने अपने व्याख्यान में शोधार्थी के आवश्यक गुणों को बताया । उन्होंने कहा कि धैर्य, शोध-दृष्टि, नवीन तथ्यों के प्रति तटस्थता तथा प्रमाणिकता का ध्यान अच्छे शोधार्थी का गुण है । कार्यक्रम में शोध समिति के सदस्यगण डॉ. श्रीमती विमला देवी, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. शशिनाथ सिंह, डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम-संयोजक व हिंदी विभाग के एशोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा ‘शास्त्री’ ने किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शरद कुमार ने की । कार्यक्रम में महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. देवेन्द्रनाथ सिंह, डॉ. मदन गोपाल सिन्हा, प्रदीप कुमार सिंह , मनोज कुमार सिंह, सूरज कुमार जायसवाल, आदि गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे । अंत में सह संयोजक डॉ. अरुण कुमार ने अभ्यागतों के प्रति आभार व्यक्त किया।