ज़मानियां। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के दाउदपुर ग्राम स्थित आदित्य इण्टर कालेज में गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रार्थना सभा में संचारी रोग नियंत्रण पखवारा के तृतीय चरण में सहायक अध्यापक वृजेश कुमार ने छात्र-छात्राओं को संचारी रोगों के प्रति जागरुक किया तत्पश्चयात पूर्व राष्ट्रपति डा०सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर उपस्थित शिक्षकगण व छात्र-छात्राओं ने माल्यार्पण किया तथा प्रधानाचार्य ओमप्रकाश पाण्डेय द्वारा केक काटकर डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया गया।
उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन ऐसे शिक्षक थे, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति बनें और उनके सम्मान में उनके जन्मदिवस यानी 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक हमारे समाज के स्तंभ हैं। वे बच्चों के जीवन में एक असाधारण भूमिका निभाते हैं। उन्हें ज्ञान, शक्ति से जोड़ते हैं और उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए सीखाते हैं। वे अपने छात्रों को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए खुद को समर्पित करते हैं। 5 सितंबर 1962 से भारत में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद दिलाता है। डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि ” देश में शिक्षकों को सबसे ज्यादा दिमाग होना चाहिए।” राधाकृष्णन देश के एक बेहद अच्छे शिक्षक थे।इसके पश्च्चात संगोष्ठी कक्ष में लोक भवन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया।जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के क्रम में सरस्वती एवं शिक्षक श्री पुरस्कार तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा राज्य अध्यापक पुरस्कार तथा मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से शिक्षकों को सम्मानित किए जाने हेतु शिक्षक सम्मान का आयोजन शासन ने किया था। इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण शिक्षक व छात्र-छात्राओं के बीच किया गया।कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय परिषर में शिक्षक व छात्र-छात्राओं द्वारा पौधरोपण भी किया गया।कार्यक्रम में ओमनरायण राय, अनुराग पाण्डेय, अरुण कुमार, सुरेन्द्र सिंह, विकास सिंह, मनोज कुमार सिंह, प्रभाकर सिंह, बबलू सिंह, आनन्द खरवार, जर्नादन यादव, राजू, दिनेश रावत, खुशबू प्रजापति, निधि गुप्ता, सृष्टि, राजदुलारी, सुधा, नंदनी, अलका, मुस्कान, साधना, नूरसबा, श्रुति, काजल, वैष्णवी, मुकेश आदि उपस्थित रहे।