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बाल सुपोषण उत्सव के आयोजन में पोषण का दिया गया संदेश

ग़ाज़ीपुर।जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुक्रवार को चल रहे पोषण माह के अंतर्गत ‘बाल सुपोषण उत्सव’ का आयोजन किया गया जिसमें पोषाहार से बने रेसिपी प्रदर्शन, पोषाहार से बने विविध प्रकार के भोजन जिसमे हलुआ, बर्फी, पकौड़ी, खीर, लड्डू, पेड़ा आदि बनाकर उपस्थित बच्चों के परिवार में माँ, दादी, नानी एवं अन्य परिजनों को बताया गया।

देवकली परियोजना के बरहपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर भी बाल सुपोषण उत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप पांडेय के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया माँ, बच्चों के लिये प्रथम शिक्षिका होती है जो उन्हें स्वास्थ्य के बारे में कैसे रख-रखाव करना चाहिए इसका प्रथम पाठ देती हैं। कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के भी स्टॉल लगाए गए थे। इस दौरान समुदाय द्वारा रंगों से बनायी रंगोली के माध्यम से कुपोषित व अतिकुपोषित एवं सामान्य श्रेणी के बच्चों के बारे में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम में न्यूट्रिशन मंडल संवन्यक अंजनी सिंह द्वारा पोषण संदेश के माध्यम से बच्चों को ऊपरी आहार जिसमे 6 माह से 8 माह तक 200 ग्राम, 9 माह से 12 माह तक 300 ग्राम व 18 माह तक के बच्चों को 500 ग्राम चतुरंगी खाना खिलाना चाहिए जिसमें विटामिन, वसा, प्रोटीन व मिनरल्स आदि का समुचित उपयोग हो।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र कुमार गुप्ता के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छता व स्वास्थ्य विषय पर बताया गया। इस दौरान पोषण के प्रथम 1000 दिन, डायरिया से बचाव के लिए हाथ धुलने की प्रक्रिया व पौष्टिक आहार को लेकर चर्चा की गयी। इसके अलावा सभी को पोषण शपथ भी दिलाई गयी।
कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी के बच्चों को भोजन उपस्थित बच्चे के माँ के बीच कराया गया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी बिंदु, चंद्रकला, शीला, ननिता, आशा, निर्मला, शकुंतला, प्रभारी परियोजना अधिकारी कंचनलता व प्रधानाध्यापक दयानंद सहित सहायिका उपस्थित रहीं।