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15 सितंबर से 20 सितम्बर तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान

ग़ाज़ीपुर। जनपद में रविवार यानि 15 सितंबर से 20 सितम्बर तक पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में जनपद में जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.4 लाख बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूर्व में ही जिलाधिकारी के बालाजी अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक भी संपन्न की जा चुकी है जिसमें सभी नगरीय एवं ब्लॉक के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को माइक्रोप्लान भेजने के लिए निर्देशित किया गया था। पिछले पल्स पोलियो अभियान में जनपद गाजीपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।डब्ल्यूएचओ के डॉ पंकज सुथार ने बताया पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है जो वायरस से होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है। उन्होने बताया 2014 से अभी तक भारत में पोलियो के एक भी रोगी नहीं देखे गए लेकिन सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष कम से कम 4 बार पोलियो अभियान चलाया जाता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जीसी मौर्य ने बताया यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में दी जाती है इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जाती है। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है। उन्होंने बताया 15 सितम्बर को जनपद के समस्त प्राथमिक विद्यालय खुले रहेंगे और इस दौरान मिड डे मील भी बनाया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरके सिन्हा ने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण के लिए भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.4 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले चरण में जनपद का लक्ष्य 5.5 लाख बच्चों का था जिसमें से 5.4 लाख की अचीवमेंट करते हुए जनपद ने प्रदेश में दूसरा स्थान लाया था। उन्होंने बताया कि इस चरण के लिए जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जिसके माध्यम से 15 सितम्बर को बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गए हैं जो 16 सितम्बर से से तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 87 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए 6027 एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।