जमानिया। मिली जो मंजिल तो कारवां भी बड़ा लग रहा था, यूँ ही नहीं पहुंचा हूँ आज मैं इस मुकाम पर जब सो रहा था ये ‘जग’ तब मैं ‘जग’ रहा था। जी है! शायद इसी का परिणाम रहा कि क्षेत्र के छोटे से गांव टोकवा के रहने वाले नन्दू दुबे के पुत्र मनीष दुबे का चयन असम राइफल्स में हो गया।
मनीष ने विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर प्रदेश, जनपद, गाँव सहित विद्यालय, विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर चुके है। मनीष को तीरंदाज़ी खेल ने पहचान दिया और असम राइफल्स ने नौकरी दी। लगन व कठिन परिश्रम के बल पर माता पिता के आशीर्वाद और सही मार्गदर्शन ने ये सफलता मिली। ज्ञात को की मनीष ग़ाज़ीपुर जनपद के जमानिया स्थित द्रोणा तीरंदाज़ी प्रशिक्षण केंद्र का प्रशिक्षु है और प्रतिदिन के 8 से 10 घंटे अभ्यास करता था। उसकी मेहनत ने उसे आज यह मुकाम हासिल हुआ है। क्षेत्र के हेतिमपुर गांव स्थित द्रोणा तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र में बुधवार को मनीष की आसाम राइफल में नियुक्ति होने पर बैठक कर हर्ष जताया गया। बैठक में उपस्थित लोगों को मिठाईयां बांटी गई। गाजीपुर तीरंदाजी एसोसिएशन के सचिव नंदू दुबे कहा कि द्रोणा तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के पौधे अब बड़े हो गए हैं और वृक्ष बनकर संस्था को फल एवं छाया प्रदान कर रहे हैं। कहा कि मनीष ने यह उपलब्धि 1 दिन में हासिल नहीं की । इसके लिए कड़ी मेहनत, लग्न और दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से उसे यह मुकाम मिला है। उन्होंने मनीष को एक नजीर के रूप में पेश करते हुए कहा कि जुनून को इस कदर हावी करो कि रात के सपने में नहीं दिन के उजाले में भी आपका लक्ष्य आपके सामने साफ दिखाई दे ।इस अवसर पर पुष्पा दुबे, आलोक तिवारी, राकेश मोर्य के साथ राष्ट्रीय खिलाड़ी साधना, मोहम्मद इमरान, प्रमोद, रोहित सिंह, राजन, अनिल, शुभम, बलराम, मनीष, निशांत, अंजलि, नमिता, खुशी, प्रियंका व खिलाड़ियों के अभिभावको की उपस्थिति में मिठाई खिलाकर मनीष को ट्रेनिंग हेतु नागालैंड के दिमापुर स्थित ट्रेनिंग सेन्टर के लिए रवाना किया गया।