ग़ाज़ीपुर। जनपद में जल्द ही टीबी जांच के लिए सीबी नाट की चार और मशीनें लगेंगी। इसका लाभ निजी चिकित्सक भी उठा सकेंगे। वर्तमान में जिले में सीबी नाट की दो मशीन लगी हैं। इसके जरिये मरीजों के टीबी की जांच की निःशुल्क जा रही है। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी जी.सी. मौर्य का। वह बुधवार को अवध पैराडाइज में सरकारी और निजी चिकित्सकों के संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने कहा कि बहुत से मरीज इलाज के दौरान बीच मे ही दवा छोड़ देते हैं। ऐसे मरीजों पर निजी डॉक्टर्स निगाह रखें और अपने अपने क्लीनिक पर दवा भी रखें। उन्होने निजी डाक्टर्स ने अपील की है कि जो मरीज बाजार से दवा खरीदने में समर्थ नहीं है उसकी दवा जिला अस्पताल में रजिस्टर्ड कर उनका नि:शुल्क इलाज कराएं। उन्होंने निजी चिकित्सकों से अपील की है कि टीबी के मरीजों का इलाज करें और उसका डाटा जिला क्षय रोग चिकित्सालय कार्यालय में उपलब्ध कराएं। साथ ही उनका खाता नंबर भी उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत ₹500 प्रति उनके खाते में ट्रांसफर कराया जा सके। उन्होंने बताया शासन के द्वारा टीबी के मरीजों को चिन्हित करने और उनका इलाज करने और इलाज पूरा हो जाने पर प्रति मरीज ₹1000 निजी चिकित्सक को शासन के द्वारा देय है। वाराणसी जिला क्षय रोग प्रबंधन इकाई से डॉ आदर्श पटेल ने कहा क्षय रोग खत्म करना पूरी तरह से संभव है। इसके लिए हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने बताया रेसिस्टेंट टीबी मरीजों के लिए तीन दवाएं भारत में उपलब्ध है जिसमें एक दवा बेडाकुलीन जो एचआईवी टीबी मरीज को दी जाती है। जनपद में ऐसे चार मरीज हैं जिनको यह दवा गवर्नमेंट की ओर से निःशुल्क दी जा रही है क्योंकि यह दवा मार्केट में उपलब्ध नहीं है।कार्यशाला में एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा, डॉ डीपी सिन्हा, डॉ आरबी राय, डॉ भरत सिंह, डॉ निसार अहमद, डबल्यूएचओ से डॉ पंकज सुथार, डॉ तनवीर अफरोज के साथ ही तमाम निजी चिकित्सक उपस्थित रहे।