जमानियां । कोतवाली क्षेत्र के महेवा गांव के बाहर स्थित पोखरी में बीते 14 तारीख की दोपहर करीब 1 बजे मिले युवक का शव के मामले में परिजनों ने हत्या का आशंका जताते हुए तहरीर दी थी। जिस पर पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तारी न करने पर दर्जनों ग्रामीण गुरूवार को पहुंचे और न्याय की गुहार लगायी।
पिता वंश नारायण का कहना है कि पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं कि जिस कारण से क्षुब्ध हो कर गुरूवार को न्याय की गुहार लगाने आये है। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त 2019 को न्यायालय में तारीख देखने के दौरान पुत्र सुनील यादव को विपक्षी ने उसे जान से माने की धमकी दी थी। जिसकी सूचना कोतवाली में दी गयी थी लेकिन पुलिस ने काई कार्रवाई नहीं की। संभवतः विपक्षी ने ही घटना को अंजाम दिया और आत्म हत्या का रूप दे दिया है। भाई प्रकाश सिंह ने कहा कि 13 तारीख को खाना खाने के बाद दुआर पर दोनों भाई साथ में सोये थे और नींद न हाने के कारण मैं उठ कर सड़क पर टहलने चला गया। जब वापस लौटा तो छोटा भाई सुनील मौके पर नहीं था। जिस पर मैंने सोचा कि बगल के घर में सोने चला गया है। 14 तारीख कि सुबह जब शव मिलने की सूचना मिली तो पोखरी के पास मोबाइल और चप्पल अलग अलग स्थान पर पाया। वही मेरे भाई का अब तक कपड़ा नहीं मिला। उसका कपड़ा घर पर भी मौजूद नहीं है। जो इस भाई कि हत्या होने की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाई बाहर कभी शौच आदि के लिए नहीं जाता था। जबकि पुलिस मामले में लीपा-पोती कर रही है। न्याय दिलाने के नाम पर गुमराह कर रही है। माता जियुति का कहना है कि पुत्र की हत्या हुई है लेकिन पुलिस मामले को आत्म हत्या बता कर रफा दफा करने की फिराक में है। कहा कि तीन दिन में यदि खुलासा नही हुआ तो पुनः कोतवाली में आयेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे। कोतवाल के आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस लौटे। इस संबंध में कोतवाल विमल कुमार मिश्र ने बताया कि युवक के घर लोगों सहित ग्रामीण आये थे। मामले ही जांच गहनता से की जा रही है। पीएम रिर्पोट में डूबने की वजह से मौत दर्शाया गया है। हांलाकि हर पहलू पर जांच की जा रही है। इस अवसर पर चाचा चन्द्रभान यादव‚ राम सेवक यादव‚ अशोक यादव‚ अखिलेश यादव‚ दरोगा‚ विशाल‚ अंजू देवी‚ सपना यादव‚ रमता देवी आदि मौजूद रहे।