गहमर। साहब घर में रखें खाद्यान्न खत्म हो गए हैं घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है गांव की गलियों में 4 फीट तक पानी लगा है पशुओं को किसी और के दरवाजे पर बंधे हुए हैं। यह बातें नसीरपुर गांव निवासी ग्रामीण महिलाएं गुरुवार को बाढ़ प्रभावित गांव नसीरपुर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अहमद शमसाद से कही।
बताया कि ग्रामीणों को शाम को सूरज अस्त होते ही हमें अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। गांव की बिजली आपूर्ति पांच दिनों से बाधित हो गई हैं। लोगो ने बताया कि ग्रामीणों को अभी तक शासन स्तर से कोई राहत नही मिली है। मजबूरी वश रोज एक एक करके पीड़ित परिवार पलायन कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अहमद शमशाद ने बाढ़ पीड़ितों के गांव में गली गली जाकर उनका हाल जाना। ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा अभी तक राहत के नाम पर केवल कोरा आश्वासन ही मिल रहा है। रात के अंधेरे में जंगली जीव जंतुओं के काटने का डर बना रहता है।
इस बाबत कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अहमद शमशाद खान ने बताया कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए जो प्रयास कर रही है वह पीड़ितों तक राहत के लिए नाकाफी है। पीड़ित परिवारों तक सरकार की योजनाएं नही पहुंच रही है। लोग आज भी घरों में भूखे प्यासे रह रहे है। सरकारी अमला केवल दौरा करने तक ही सीमित है।