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शोध में आंकड़े होते हैं बेहद महत्वपूर्ण-सांख्यिकी अधिकारी ज्ञानोद कुमार

जमानिया । हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को पी-एच.डी. कोर्सवर्क में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी इंदौर के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अवनीश कुमार अस्थाना ने ‘शोधप्रबन्ध कैसे लिखें ‘ शीर्षक पर ज्ञानवर्धक व उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया ।

उन्होंने शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शोधार्थी में अनुकरण और अधिकाधिक ग्राह्यता की ललक होनी चाहिए। अतः शोधार्थियों को अपने शोधकार्य के लिए दृढ़-संकल्पी होना चाहिए । जब इच्छा-शक्ति प्रबल होगी तो मार्ग अपने-आप खुलता चला जाएगा । अच्छे शोध के लिए शोधार्थी को धैर्यपूर्वक , बहुपठ होकर पढ़ना चाहिए और विषयानुरूप चिंतन करना चाहिए, चिंतनशीलता से ही शोध में मौलिकता और नवीनता का संचार होता है। डॉ. अस्थाना ने कहा कि शोध प्रबन्ध विस्तृत नहीं बल्कि सारगर्भित होना चाहिए ।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय, भारत सरकार, वाराणसी के सांख्यिकी अधिकारी ज्ञानोद कुमार ने अनुसन्धान और आंकड़ा-विश्लेषण पर पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अनुसन्धान के सोपान, अनुसन्धान की योजना, उसका क्रियान्वयन, आंकड़ों का संग्रह आदि विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी । साथ ही उन्होंने कम्प्यूटर द्वारा विभिन्न प्रकार के आंकड़ों का रेखा व विंदु चित्र के माध्यम से प्रदर्शित करने के तरीकों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ. (श्रीमती) विमला देवी ने किया, उन्होंने आमंत्रण पर पधारे अतिथि विद्वानों का कार्यक्रम में उपस्थिति के प्रति जताया आभार। शोधार्थी सुरेश कुमार प्रजापति, मनोज कुमार सरोज, सौरभ यादव, प्रमोद कुमार यादव आदि ने जिज्ञासा के बेहतरीन प्रश्न किये। कार्यक्रम का सफल संचालन कोर्सवर्क के सह संयोजक एवं रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने किया। मनोविज्ञान विभाग के सहायक सूरज कुमार जायसवाल ने लैपटॉप व पी पी टी एवं अधिन्यास आदि में प्रयोगशाला सहायक प्रदीप कुमार सिंह की भूमिका सराहनीय रही।