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सभी ऋषि मुनि व बड़ों का आशीर्वाद लेकर श्री राम वन को किये प्रस्थान

गाजीपुर। अति प्राचीन श्रीराम लीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वावधान में लीला के नौवे दिन सायं 7 बजे बन्दे वाणी विनायकौ के संयोजक राजा भैया तिवारी के कलाकारों द्वारा नगर के निकट स्थित अर्बन बैंक के बगल में राजा शम्भू नाथ के बाग में बिराध राक्षस वध, सरभंग मुनि की गति, दशावतार की झाकी, से सम्बन्धित कलाकारों द्वारा पूरी भव्यता के साथ लीला का मंचन किया गया। जिसे देखकर उपस्थित दर्शक भाव विभोर हो उठे।

लीला के दौरान प्रभु श्रीराम चौदह वर्ष के बनवास काल में ऋषि अत्रि, ऋषि सुतिक्षण, ऋषि अगस्त्य, ऋषि बाल्मिकि आदि ऋषि मनिषियों का दर्शन करके एवं उनका आर्शीवाद लेते हुए जंगल की ओर प्रस्थान करते है कि रास्ते में विराध नामक राक्षस उनके रास्ते को रोकने हेतु अपना हाथ बढ़ाता है कि इतने में अपने बड़े भाई श्रीराम का आदेश पाकर लक्ष्मण ने अपने तेज धार तलवार से उसके हाथों को काटते हुए उसका वध कर डाला। इसके बाद जंगल झाड़ियों, पहाड़ों व नदियों को पार करते हुए श्रीराम सरभंग मुनि के आश्रम पर पहुॅचते है जहा ऋषि सरभंग मुनि भगवान के तपस्या में समाधिस्त थे। वहाॅ पहुचकर श्रीराम ने मुनि को समाधि तोड़ने का आग्रह करते है। सरभंग मुनि प्रभु श्रीराम के मधुर वाणी को सुनकर अपने समाधि को तोड़ते हुए उनके चरणों में लिपट जाते है इसके बाद सरभंग ऋषि अपने दोनों हाथों को जोड़कर कहते है कि भगवन आपके वन आने के दौरान मुझे आपका दर्शन प्राप्त हुआ। मेरा जन्म-जन्म का तपस्या आज सफल हो गया। हे प्रभु आप से एक मेरा छोटा निवेदन है कि हमें आप अपने भक्ति के माध्यम से अपने धाम भेजने की कृपा करे। श्रीराम ने ऋषि शरभंग मुनि के भक्तियुक्त वाणी को सुनकर शरभंग ऋषि को अपने धाम भेज देते है। इसके बाद श्रीराम लक्ष्मण सीता उनके आश्रम से रथ पर सवार होकर रामलीला स्थल लंका के मैदान में पहुचते है वहाॅ पहुचकर उपस्थित जन समुदाय को अपने दशावतार के रूप को दर्शन कराते है जिनका दर्शन करके दर्शनार्थी अपने जन्मों को सफल बनाते है लीला को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा शान्ति व्यवस्था हेतु पुलिस एवं होम गार्ड जवानों की तैनाती की गयी थी।
इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, मंत्री ओ0पी0 तिवारी, उर्फ बच्चा, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबन्धक वीरेशराम वर्मा, स0 प्रबन्धक शिवपूजन तिवारी, (पहलवान) योगेश कुमार वर्मा एडवोकेट, गोपाल जी पाण्डेय, ओम प्रकाश पाण्डेय, श्रवण कुमार गुप्ता, पं0 बाल गोविन्द दत्त त्रिवेदी उर्फ राजन भैया, रोहित कुमार अग्रवाल, बाके तिवारी, राजकुमार शर्मा, राम सिंह यादव, कृष्ण बिहारी त्रिवेदी, कुशकुमार, अजय चतुर्वेदी उपस्थित रहे।