ग़ाज़ीपुर। प्रत्येक वर्ष अक्तूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है इस वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिहीनता रोकथाम एजेंसी के समन्वय से इस वर्ष 20वां विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाएगा।
जिसकी थीम ‘विजन फर्स्ट’ तय की गयी है। इस क्रम में जनपद में भी राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अंधापन निवारण कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया इस दिवस जनपद के नेत्र परीक्षण अधिकारी के द्वारा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें मरीजों की आंखों की जांच एवं बीमारी से बचाव के लिए जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही मरीजों की जांच उपरांत नि:शुल्क मोतियाबिंद के इलाज के लिए स्क्रीनिंग भी की जाएगी।
उन्होने बताया आंखें कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा हैं जिसका ख्याल रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी आंखों की सुरक्षा को नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहिए। इसके लिए दिए गए टिप्स को अमल में लाकर अपनी आंखों को सुरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने बताया छोटे बच्चों को नुकीले खिलौनों से दूर रखें और नौ माह से पाँच साल तक के बच्चे को विटामिन ए की खुराक अवश्य पिलाएं।
डॉ डीपी सिन्हा ने आँखों की सुरक्षा और बचाव के लिए कई सुझाव दिये-
• सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुंह में पानी भरकर बंद आंखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुंह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुंह में पानी भरा होना चाहिए।
• धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएं।
• आंखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए, इससे आंखों को नुकसान होता है।
• बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें।
• नींद, आंखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर आंखों को थोड़ा विश्राम दें।
• देर रात तक जागना और सूर्योदय के बाद देर तक सोना आंखों के लिए हानिकारक होता है। देर रात तक जागना ही पड़े तो घंटा-आधा घंटे में एक गिलास ठंडा पानी पी लेना चाहिए।
• आंखों को धूल, धुएं, धूप और तेज हवा से बचाना चाहिए। ऐसे वातावरण में ज्यादा देर न ठहरें। लगातार आंखों से काम ले रहे हों तो बीच में 1-2 बार आंखें बंद कर, आंखों पर हथेलियां से हल्के-हल्के दबाव के साथ रखकर आंखों को आराम देते रहें।