गाज़ीपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यकम के तहत पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के अंतर्गत चलाये जा रहे सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
जनपद में यह अभियान 10 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इसके लिए पूरे जनपद में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस ‘सीबी नाट मोबाइल बैन’ को चिन्हित क्षेत्रों में भ्रमण करती रहेंगी जहां पर पाये गए टीबी के मरीजों की जांच भी निःशुल्क करेगी। यह अभियान जनपद के करंडा, जमानिया, सादात, कासिमाबाद, गोडउर, देवकली, जंगीपुर के क्षेत्रों में चलाया जाएगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने दी।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ केके वर्मा ने बताया जिले में 01 अप्रैल 2018 के बाद से चल रहे निक्षय पोषण योजना के तहत खाते में 500 रुपये हर माह पौष्टिक आहार हेतु दिये जाते हैं। जनपद में जनवरी 2019 से अब तक 2,005 टीबी के मरीज पाये गये जिसमें 94 एमडीआर, 6 एक्सडीआर मरीज मिले हैं। वहीं 5 मरीजों को नई दवा बेडाकुलीन के ट्रीटमेंट पर रखा गया है। मरीज की सुविधा के लिए उनके निवास के नजदीक ही डॉट्स केंद्र बनाये गए हैं जिन रोगियों में टीबी के संभावित लक्षण पाए जाते हैं। उनको जिला अस्पताल में नवस्थापित ड्रग रेजीस्टेंट (डीआर) टीबी सेन्टर में भर्ती कर इलाज शुरू किया जाता है तथा बलगम की जांच के लिए भेजा जाता है। इसके साथ ही टीबी की सभी प्रकार की जांच एवं इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं। जिले के सभी सरकारी एवं स्वैच्छिक संगठनों के चिकित्सालयों में टीबी की जांच व इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक (आरएनटीसीपी) डॉ मिथलेश सिंह ने बताया जिले की आबादी का 10 प्रतिशत लोगों घर-घर जांच के लिए निश्चित किया गया है। जिले में लक्षित क्षेत्रों जैसे बाहरी सघन क्षेत्र, बुनकर, ईट-भट्टा, सघन मलिन बस्ती, जेल आदि क्षेत्रों में प्रमुख रूप से अभियान चलाया जाएगा। अभियान के लिये 279 टीमें लगाई जाएंगी। प्रत्येक टीम में 3 प्रशिक्षित सदस्य, 5 टीम पर 1 सुपरवाइजर लगाये जाएंगे। दो सुपरवाइजर पर एक सीएचसी मेडिकल ऑफिसर टीबी कंट्रोल (एम्ओटीसी) मानिटर डाटा मॉनिटरिंग का कार्य करेगें जिसके लिए जिले में कुल दस एम्ओटीसी तैनात रहेंगे।
उन्होंने आगे बताया दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि इसके मुख्य लक्षण हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो आप स्वयं भी अपने नजदीकी टीबी केंद्र पर आकर जाँच करा कर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि टीबी के मरीज को खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें जिससे यह अन्य लोगों में न फैले।