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काब्य रस धार में श्रोताओं ने लगाया गोता

दिलदारनगर। क्षेत्र के नगसर नेवाजू राय गांव में शनिवार की देर शाम पूर्व विधायक स्वo भोला सिंह यादव की स्मृति में कवि सम्मेलन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा ने सर्वप्रथम स्वo भोला सिंह यादव के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की विधिवत शुरुवात की।उपस्थित काव्य प्रेमियों को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा ने कहा कि कवि की लेखनी ऐसी होनी चाहिए कि इस देश के युवा पर ऐसा चोट करे कि सरकार भी सोचने पर विवश हो जाय। वही उन्होंने कहा कि इस हिंदुस्तान में सबसे बड़ा घोटाला इतिहास का घोटाला हुआ था और हम चाहेगे की आप अपनी लेखनी से देश हित मे उस पर चोट करे ताकि आपकी लेखनी से भूचाल आ जाये। हम चाहेगे की जिस तरीके से तीन तलाक पर बिल लाकर पेश किया गया,आप अपनी लेखनी से ऐसा माहौल खड़ा करे कि जातिवाद खत्म हो जाय ऐसा बिल भी पास किया जा सके।आगे श्री कुशवाहा ने कहा कि साहित्यकार लोग लव कुश का स्वाद क्यो छिपाते है उसे उजागर करे कि उस संवाद को सुनकर नौजवानों में प्रेरणा आये और उन्हें नई ऊर्जा का संचार हो सके। क्यो की कलमकार की कलम रुक गयी और बार्डर पर खड़े सिपाही सोने लगे तो यह देश गर्त में चला जायेगा। इस दौरान कवि व कवयित्री को मुख्य अतिथि जगदीश कुशवाहा व कार्यक्रम आयोजक राम सिंह के द्वारा कवि वंश नारायण सिंह महज, अंनत देव पाण्डेय व उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा हरिवंशराय बच्चन युवा गीतकार सम्मान से समानित रश्मि शाक्य को अंगवस्त्रम् देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में कवि उत्तम चौबे दहर, दामोदर दबंग,जय नारायण अनुज,अंनत देव पाण्डेय अंनत, वंशनरायन सिंह मनज ने अपने कविता से लोगो को खूब हंसाया। वही विनय राय बहुरंग द्वारा पढ़ी गयी कविता ‘कईसे चली संसार जब मेहरारू के देह पर किरासन फेकाई’, ‘जिनगी भर वोट देहली चरवाहे रह गइली’, ‘पीके ठर्रा बम बम चना जोर गरम’ व ‘आ ही रे हमरा घर क मलकाइन’ व रश्मि शाक्या के द्वारा पढ़ी गयी ‘गर तुम्हारे लिए प्यार दिल से घटा जिन्दगी भी उसी रोज घट जायेगी’। ‘जाने क्या कह डाला तुमने सिर्फ इशारों में, तब से दिल खोया खोया है चॉद सितारों में’। ‘कोई वादा मेरा लेकर कोई वादा मुझे देकर चले जाना’ और गोपाल गौरव के द्वारा ‘मैं उसको चाह कर भी रोक सकता नही शायद, वो अपने साथ जाने का बहाना लेकर आया है’। तो वही सुनील सुकुमार द्वारा पढ़ी गयी ‘आबाद बस्ती सजाने चले है, खुद सो रहे है वो जगाने चले है’, को दर्शकों ने तालिया बजाकर खूब वाह वाह किया और देर रात तक चले कवि सम्मेलन का मजा लेते रहे। इस मौके पर सूबेदार सागर सिंह, जय कृष्ण सिंह, कैलाश यादव, रामअवतार सिंह, केदार यादव, रामजियावन यादव, राहुल कुमार सिंह, डॉo सौरभ कुमार सिंह, नवीन कुमार सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह पिंटू, सोनू यादव आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।अंत मे आये हुवे अतिथियों का कार्यक्रम संयोजक राम सिंह ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आंनद कुशवाहा व संचालन कुमार प्रवीण ने किया।