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बारिश के बाद डेंगू और चिकनगुनिया रोग फैलने का बढ़ा खतरा

ग़ाज़ीपुर।बारिश का मौसम खत्म होने के बाद ही बहुत ही तेजी से कई तरह के रोग फैलने लगते है। और इन्हीं रोगों में डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोग भी शुमार हैं। जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इसको लेकर स्वास्थ्य महकमा ने पूरी तैयारी कर ली है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया की दवा उपलब्ध है। और डेंगू से पीड़ित मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में कराने की मुकम्मल व्यवस्था भी कर लिया गया है।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया बारिश के मौसम के बाद डेंगू और चिकनगुनिया तेजी से फैलती है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। चूंकि दोनों मच्छर के काटने से होती हैं और दोनों का मुख्य लक्षण बुखार है। कई बार डेंगू और चिकनगुनिया पर भ्रम की स्थिति हो जाती है। अगर सही समय पर लक्षणों को पहचानकर इन बीमारियों का समय पर बेहतर इलाज कर दिया जाए तो लोगों को दोनों ही बीमारियों से बचाया जा सकता है।

एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया बारिश के मौसम के बाद डेंगू और चिकनगुनिया तेजी से फैलती हैं। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। चूंकि दोनों मच्छर के काटने से होती हैं और दोनों बीमारियों का मुख्य लक्षण बुखार है। लेकिन कई बार लोगों में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर भ्रम की स्थिति हो जाती है। अगर सही समय पर लक्षणों को पहचानकर इन बीमारियों का समय पर बेहतर इलाज न शुरू किया जाए, तो दोनों ही बीमारियां नुकसानदेह साबित होती हैं। इन दोनों बीमारियों डेंगू और चिकनगुनिया में अन्तर है, यह सभी को पता होना जरूरी है। यह आसपास जल जमाव और गंदगी के कारण होता है।

जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ तनवीर अफरोज ने बताया कि जिला अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के लिए दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही 10 बेड का डेंगू वार्ड भी बना लिया गया है। ताकि डेंगू से पीड़ित मरीज या उनके परिजनों को किसी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी संजीव सिंह ने बताया डेंगू की जांच करने की किट मलेरिया विभाग में उपलब्ध है इसके लिए किसी भी मरीज को कहीं अन्यत्र भटकने की जरूरत नहीं है।

शुरुआती लक्षण समान
डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। चिकनगुनिया का कारण ‘जीनस अल्फा’ वायरस होता है, जो एडीज प्रजाति के ‘एजिप्टी’ और ‘एल्बोपिक्टस’ मच्छरों के काटने से फैलता है जबकि डेंगू का कारण ‘जीनस फ्लेवी’ वायरस होता है, जो एडीज प्रजाति के केवल ‘एजेप्टी’ मच्छरों के काटने से फैलता है। दोनों ही बीमारियों के शुरुआती लक्षण एक समान होते हैं। इसलिए कई बार इनमें लक्षणों के आधार पर अंतर कर पाना मुश्किल होता है। हालांकि इन लक्षणों के आधार पर इनका पता लगाया जा सकता है। डेंगू की शुरुआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है। शुरू के तीन से चार घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं। डेंगू बुखार दो से चार दिन तक रहता है और फिर धीरे-धीरे तापमान सामान्य हो जाता है। बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर का तापमान 104 डिग्री हो जाता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य से बहुत कम हो जाता है। वहीं चिकनगुनिया में तेज बुखार होना। तेज बुखार होने के साथ पैर, हाथ और कलाई में हल्की सूजन, गंभीर दर्द होना, गंभीर पीठ दर्द, सिरदर्द, थकान के साथ मांसपेशी में दर्द, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते का होना जो आमतौर से 48 घंटों में दिखाई पड़ते हैं। गले में खरास होना, आंखों में दर्द और आँख आना (कंजेक्टीवाईटिस)।