ग़ाज़ीपुर।पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के तहत 10 अक्तूबर से चलाये जा रहे सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में अभी तक 20 नए मरीज खोजे गए हैं। सीबीनाट मोबाइल बैन के द्वारा की जा रही जांच में तीन एमडीआर के मरीज मिले और 13 अन्य संभावित टीबी के मरीज खोजे गए। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के के वर्मा ने दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया छह दिनों में 1.98 लाख मरीजों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 649 संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गई। बलगम जांच प्रक्रिया में 13 टीबी के मरीज सामने आए और एक्स-रे जांच में सात मरीज पाए गए। उन्होंने बताया यह अभियान 23 अक्तूबर तक चलाया जाएगा। टीबी के मरीजों को खोजने के लिए सीबीनाट मोबाइल वैन भी चलाई जा रही है जिसमें अभी तक 96 मरीजों की जांच की गयी।
डॉ॰ वर्मा ने बताया जिले में पहली अप्रैल 2018 के बाद से चल रहे निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज के खाते में 500 रुपये हर माह पौष्टिक आहार हेतु दिये जाते हैं। जनपद में जनवरी से सितंबर 2019 तक 2,005 टीबी के मरीज पाये गये जिसमें 94 एमडीआर, छह एक्सडीआर मरीज मिले हैं। वहीं पाँच मरीजों को नई दवा बेडाकुलीन के ट्रीटमेंट पर रखा गया है। मरीज की सुविधा के लिए उनके निवास के नजदीक ही डॉट्स केंद्र बनाये गए हैं। वहीं जिन रोगियों में टीबी के संभावित लक्षण पाए जाते हैं उनको जिला अस्पताल में नवस्थापित ड्रग रेजीस्टेंट (डीआर) टीबी सेन्टर में भर्ती कर इलाज शुरू किया जाता है तथा बलगम की जांच के लिए भेजा जाता है। इसके साथ ही टीबी की सभी प्रकार की जांच एवं इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं। जिले के सभी सरकारी एवं स्वैच्छिक संगठनों के चिकित्सालयों में टीबी की जांच व इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक (आरएनटीसीपी) डॉ मिथलेश सिंह ने बताया दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि इसके मुख्य लक्षण हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो नजदीकी टीबी केंद्र परजाकर जाँच करा कर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। टीबी मरीज खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें जिससे यह अन्य लोगों में न फैले।