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सावन की घटाओं की तरह तुझसे मिलूंगी,फागुन की हवाओ की तरह तुझसे मिलूँगी

दिलदारनगर। आजाद हिंद फौज के सिपाही  भोजपुरी सिनेमा के जनक और उसिया दिलदारनगर गाजीपुर जनपद के गौरव  नजीर हुसैन साहब को समर्पित सामाजिक संस्कृति एवं सांस्कृतिक मंच  उद्भव के  चतुर्थ  सार्थक पहल पर  अखिल भारतीय कवि सम्मेलन  का आयोजन  दिलदारनगर  के रामलीला मैदान में शनिवार की रात्रि  संपन्न किया गया ।

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भोजपुरी सिनेमा के जगह नजीर हुसैन के इकलौते पुत्र मुमताज हुसैन को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि डॉ सुधाकर पांडेय ने राम वकील आनंद  कुशवाहा द्वारा रचित  “आनंद वाटिका” पुस्तक का विमोचन किया गया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत कवित्री  विभा सिंह ने बंदना से शुरुआत किया।
गीतकार डॉ कमलेश राय ने पर्यावरण पर गीत आवत चिड़ियों ना बोले सवेरे भोरे पेश किया।
अहमद आजमी आजमगढ़ ने  दुआ मां बाप का दिया कोई खाली नहीं जाती, घर में है तो समझो घर की खुशहाली नहीं जाती गजल पेश किया।
हास्य कवि सुरेंद्र सोंटा इलाहाबाद ने अंधविश्वास से दूर ले जाने की और राजनीत वर्तमान व्यवस्था पर हास्य व्यंग पेश कर लोगों को लोटपोट कर दिया।
विभा सिंह ने सावन की घटाओं की तरह तुझसे मिलूँगी,फागुन की हवाओं की तरह तुझसे तुझसे मिलूँगी
इसी तरह सतना से हास्य व्यंग रविशंकर चतुर्वेदी, बादशाह प्रेमी, खटीमा उत्तराखंड से सिद्धेश्वर सिंह, उत्तम चौबे, ओजस्वी व्यंग्यकार कुमार प्रवीण सहित हरीश नारायण हरीश ने श्रोताओं को एक से बढ़कर एक गीत,गजल,हास्य,व्यंग्य से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।
इस मौके पर डॉ शम्भू नाथ,आनंद कुशवाहा, कुँवर नसीम रजा, सुहैल ,हेमंत शुक्ला, अरविन्द चतुर्वेदी, सुधीर मौर्य,मन्नू सिंह,योगेश त्रिपाठी, मनोज कुशवाहा, वंशनारायण मनज, चंद्रिका सिंह आदि लोग मौजूद रहे।