मरदह(गाजीपुर)।स्थानीय गायत्री प्रज्ञापीठ गायत्री परिवार के तत्वावधान चल रहे पांच दिवसीय नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा एवं विभिन्न संस्कार कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को सुबह सात बजे से गायत्री प्रज्ञापीठ यज्ञ स्थल पर स्थापित नौ हवन कुंडों पर हवन पूजन किया गया।
जिसमें भारी संख्या में पुरूषों के महिलाओं ने भाग लिया और विधि विधान पूर्वक किया तथा शाम पांच बजे से आठ बजे तक चलने वाले संगीत प्रवचन कथा को सुनने का काम किया।प्रवचन के माध्यम से गायत्री प्रज्ञापीठ के वाचक कमला शर्मा ने कहा कि आत्मोन्नति को ही वैदिक त्रृषियों ने मानवीय जीवन यात्रा का चरमोत्कर्ष माना है।जप-ध्यान, पूजा-उपासना, साधना-आराधना, योग-तप जैसे अनेक पथ इसी उद्देश्य के लिए समर्पित है।आत्मोन्नति का उद्देश्य मात्र ईश्वर का साक्षात्कार करना नहीं, वरन अपने व्यक्तित्व में श्रेष्ठ गुणों का समावेश करना भी हैं।आगे कहीं कि हर घर में माँ गायत्री का चित्र एवं मंत्र का जप एवं यज्ञ किया जाएं,गुङ घी व रोटी की पांच आहुति यज्ञ भगवान को प्रातः एवं सायं काल समर्पित किया जाएं,घर में तुलसी का पौधा लगाकर सुबह व सायं काल प्रत्येक व्यक्ति सूर्य अध्र्य दें तथा अमृता,घृतकुमारी, हरिसिंगार लगायें जिससे स्वयं के कल्याण के साथ ही विश्व का कल्याण होगा।इस मौके पर सुरेन्द्र सिंह, आर्गन वादिका कुमारी अनुराधा शर्मा, हारमोनियम वादिका कुमारी आयुषी शर्मा, तबला वादिका कुमारी निर्मला शर्मा, ढोलक वादक विनोद शर्मा, रामसुख यादव, कृष्णा गोङ, रमेश यादव, लौहर यादव, रामनिवास राय, रामकेश यादव, बालमती सिहं, विरेन्द्र सिहं राजू, पारसनाथ सिहं, रामबचन मौर्या, रविन्द्र राय, परशुराम मौर्य, रामजी, लल्लन सिहं आदि लोग मौजूद रहे।