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पांखण्डी गुरूओं से सावधान रहकर सच्चे गुरु की करें पहचान-यज्ञाचार्या कमला शर्मा

मरदह।गायत्री प्रज्ञापीठ मरदह के परिसर में प्रज्ञा पुराण के तीसरे दिन शांतिकुंज की प्रतिनिधित्व करती कथा वाचिका एवं यज्ञाचार्या कमला शर्मा ने गुरू गायत्री पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पांखण्डी गुरूओं से सावधान रहकर सच्चे गुरु की पहचान करें और गायत्री मंत्र एक शुद्ध विज्ञान है।

इसके 24 अक्षरों को गुन्थन वैज्ञानिक ढंग से किया गया है।उचारण मात्र से मानवीय मस्तिष्क के स्नायुतन्त्र असाधारण रूप में प्रभावित होते हैं।जिससे तेज ओज विवेक तत्व जागृत होते हैं।इसे अल्फास्टेट के रूप में ई.ई.जी मशीन पर देखा जा सकता है।उन्होंने कहा आज का सबसे बङा धर्म हिन्दू सिक्ख ईसाई बौद्ध जैन मुस्लिम  केवल मानवता धर्म है।जिसने इन्सानियत धर्म का पालन नहीं किया।किसी भी धर्म का नहीं पाखण्डी है ढोगी है।ना हम हिन्दू, सिक्ख,ईसाई,जैन,ना हम मुसलमान।इंसानियत है धर्म हमारा हम केवल इन्सान हैं।परम्पराये मृत प्राय: हो चुकी हैं।आज प्रत्येक घर दु:खों से इस प्रकार के रोगों से मानसिक तनाव से प्रेत बाधाओं से,मुकदमाबाजी से एवं गांव- गांव में क्लेष से जकड़ा हुआ है।आज इस समस्याओं का निदान गायत्री यज्ञ संस्कार है।इस मौके पर सुरेन्द्र सिंह, आर्गन वादिका कुमारी अनुराधा शर्मा, हारमोनियम वादिका कुमारी आयुषी शर्मा, तबला वादिका कुमारी निर्मला शर्मा, ढोलक वादक विनोद शर्मा, विनोद कुमार जायसवाल, मनोज सिहं, सिन्धू जायसवाल, रामसुख यादव, कृष्णा गोङ, रमेश यादव, लौहर यादव, रामनिवास राय, रामकेश यादव, बालमती सिहं, विरेन्द्र सिहं राजू, पारसनाथ सिहं, रामबचन मौर्या, रविन्द्र राय, परशुराम मौर्य, रामजी, लल्लन सिहं आदि लोग मौजूद रहे।