ग़ाज़ीपुर।छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाने तथा उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए टीकाकरण सहित सरकार द्वारा अनेकों कार्यक्रम एवं अभियान चलाये जा रहे हैं। इसको ज़ोर देने के लिए बुधवार को जनपद के एक निजी पैलेस में अंतर्राष्ट्रीय संस्था गावी द वैक्सीन अलायंस, हिंदुस्तान यूनीलीवर एवं ग्रुप एम पार्टनरशिप प्रोग्राम द्वारा ‘सफल शुरुआत’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी ओम प्रकाश आर्य ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जीसी मौर्य और जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे मौजूद रहे। सर्वप्रथम संस्था के द्वारा ‘बच्चों को कैसे स्वस्थ रखें और उनके नियमित टीकाकरण’ को लेकर कई तरह के कार्यक्रम व एकांकी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में दो साल से कम उम्र के बच्चों में समय से टीकाकरण और साबुन से हाथ धोने की आदत डालने के लिए प्रोत्साहित किया गया जिससे बीमारियों को कम किया जा सकें।
जिलाधिकारी ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि जन्म से लेकर 1000 दिन तक बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित टीकाकरण के साथ ही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) को ओर से कई अन्य तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। यदि हम समय से सभी टीका लगवाएँ तो बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और साथ ही शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के पोषण के लिए जनपद में पोषण कन्वर्जेंस कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिसमें आईसीडीएस विभाग के अलावा कई विभाग शामिल हैं और सभी के सहयोग से ही हम बच्चों को स्वस्थ और कुपोषण मुक्त रख सकते हैं।
इस दौरान बताया गया कि दुनिया भर में 79 देशों में पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 25 से अधिक है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 (2015-16) के आंकड़ों के अनुसार भारत आज भी इन आंकड़ों में बड़ा योगदान देता है। जहां प्रति 1000 बच्चों के जन्म पर 50 बच्चों की मृत्यु पाँच साल से कम उम्र में हो जाती है। उत्तर प्रदेश में हर 1000 बच्चों के जन्म पर 64 बच्चों की मृत्यु उनके पहले जन्मदिन पर ही हो जाती है। जबकि हर 1000 बच्चों में 78 बच्चों की मृत्यु 10 साल से कम उम्र में हो जाती है। इसके अलावा हर दूसरे बच्चे को संपूर्ण टीकाकरण नहीं मिलता और चार में से एक बच्चे की मौत का कारण निमोनिया या डायरिया होता है जिसे हाथ धोने की आसान आदत से रोका जा सकता है।
‘सफल शुरुआत’ प्रोग्राम प्रमुख स्मृता सिंह ने बताया कि बच्चों को संक्रमण एवं बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण और साबुन से हाथ धोना बेहद महत्वपूर्ण है। आसान से उपायों के द्वारा बच्चों खासतौर पर पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।
उन्होने बताया कि प्रत्येक अभिभावक चाहता है कि उनका बच्चा स्वस्थ रहें और सफल व्यक्ति के रूप में विकसित हो। ‘अभिभावकों को शुरुआती बचपन के विकास के बारे में जागरूक बनाना’ ही ‘सफल शुरुआत’ का मुख्य उद्देश्य है। और यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बच्चों को समय पर सभी टीके लगाए जाएं और माता-पिता नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। यह छोटी सी पहल बच्चों के लिए ठोस शुरुआत तथा उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकती है।
इस कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा, एसीएमओ डॉ केके वर्मा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ पंकज सुथार के साथ ही आईसीडीएस विभाग से समस्त सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ ही ग्राम प्रधान व अन्य लोग मौजूद रहे।