गहमर। द मिलियन फार्मर्स स्कूल किसान पाठशाला गहमर ग्राम के उत्तर टोला में आयोजित किसान पाठशाला के दूसरे दिन कृषि विविधीकरण पर चर्चा की गई।
किसानों को संबोधित करते हुए सहायक विकास अधिकारी कृषि भदौरा इंद्रेश कुमार वर्मा ने कहाकि कृषि विविधीकरण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना तथा छोटे एवं मझोले किसको की पारिवारिक आय को बढ़ाकर पूरा किया जा सकता है। कृषि विविधीकरण कोई नई बात नहीं है यदि हम छह से सात दशक पहले खेती बारी पर नजर डालें तो पाएंगे कि किसान अपनी सारी आवश्यकताए खेती बाड़ी से ही पूरा कर लेता था। पशुपालन खेती का आवश्यक अंग था पशुओं के चारे दाने आवश्यकता होती थी। पशुओं के गोबर मूत्र का उपयोग खेती में कार्बनिक खाद के रूप में होता था और जल अवशेष का उपयोग खेत में होता था। खाद्यान्य, तेल, दलहन, सब्जी, फल की आवश्यकता खेती से ही पूर्ण होती थी। आज अधिकांश कृषको की खेती केवल धान गेहूं तक सीमित रह गई है अब फिर से किसान को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार स्वास्थ्य पोषण एवं आय वृद्धि के लिए खेती की दिशा बदलने की जरूरत है। ताकि किसानों की दशा और दिशा बदला जा सके वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने तथा आय बढ़ाने हेतु खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, शाक भाजी की खेती, उद्यानिकी करण, मुर्गी पालन, बकरी पालन, रेशम उत्पादन आदि आवश्यक है। ताकि कृषि विविधीकरण अपनाते हुए विभिन्न स्रोतों से अपना आय में वृद्धि कर सके। फूलों की खेती मशरूम की खेती भी अपनाएं ताकि कम उत्पादन पर अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकें। इस पाठशाला में प्रगतिशील किसान योगेंद्र नाथ सिंह, नचक उपाध्याय, रामविलास कुशवाहा, मुन्ना यादव, दिनेश यादव, सुधीर सिंह आदि किसान मौजूद रहे।