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जितनी संपत्ति से परिवार का पालन पोषण हो जाए उतना ही रखें– आचार्य पं बाल्मीकि तिवारी

जमानियां। नगर के कपूरा मंदिर में रविवार को सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया गया। जिसमें भागवत कथा के महत्व सहित अर्थ के बारे में विस्तार से बताया गया और महापुराण कथा का अमृत पान कराया गया।

कथा में आचार्य पंडित बाल्मीकि तिवारी जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण अठारह पुराणों में सर्वश्रेष्ठ है, जिसमें तीनों लोकों के स्वामी साक्षात भगवान श्री कृष्ण के महिमा का वर्णन है। जो साधक भागवत जी के आधे या चौथाई श्लोक को प्रतिदिन सुनता या पढ़ता है। वह परमगति को प्राप्त होता है। साथ ही धर्म, अर्थ काम और मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। आचार्य ने कहा कि भागवत कथा रूपी अमृत साधक के सम्पूर्ण कुल को ही अजर अमर बना देती है। जो लोग सदा भक्ति, श्रद्धा पूर्वक श्रीमद्भागवत की कथा सुनते है उन्हें सिद्घि प्राप्त होती है। इसलिए मनुष्यों को इस पुराण का सदा पठन व श्रवण करना चाहिए। यह पुराण जिस घर में विधि पूर्वक पूजित होकर स्थित रहता है, उस घर को लक्ष्मी और सरस्वती कभी नहीं छोड़ती। और वो भक्ति ज्ञान और वैराग्य से परिपूर्ण हो जाता है ,आचार्य श्री ने भागवत जी की कथा में सर्वप्रथम भगवान के कार्य स्वरूप और स्वभाव का भी बोध कराया और जीव संसार मे तभी तक भटक रहा है जब तक कथा नही सुन रहा है आगे सनकादिकों ने नारद जी को कथा सुना कर भक्ति महारानी जी का दुख दूर किया गोकर्ण जी ने भागवतं जी की कथा सुनाकर धुन्धकारी जैसे पापी को भी मुक्त कर दिया आगे महाराज श्री ने भागवत जी की श्रवण विधि बताई और श्रोता के लक्षणों को बताया साथ ही साथ आचार्य जीने ये भी कहा कि धीरे धीरे हम लोग कथा का श्वरूप बदलते जा रहे है ,कल्याण का मात्र यही तो एक साधन बचा है यदि इसमे भी कथा की जगह ड्रामा होने लगे तो फिर मनुष्य कल्याण कैसे होगा । कथा सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। इस अवसर पर गोविन्द दास‚ कृष्णा नंद चौबे‚ किशन चौधरी‚ अभय शंकर सोनी‚ राकेश पटेल‚ अशोक गुप्ता‚ डॉ इन्द्रसेन‚ मीना देवी‚ पूजा दूबे‚ किरन यादव‚ गुडिया पाण्डेय आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।