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छठ पूजा के तीन दिन बाद भी घाटों‚ तलाबाें के किनारे पसरी है गंदगी

जमानियां। नगर के गंगा घाट पर छठ पूजा के संपन्न होने के बाद घाट के किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इसको लेकर तहसील‚ नगर पालिका और ब्लाक प्रशासन उदासीन बना हुआ है।

छठपूजा के बाद गंगा घाट‚ नहरों‚ तालाबों – पोखरों आदि के किनारे जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पूजा के पूर्व जहां प्रशासन तालाबों और नदी तटों की सफाई कि ओर विशेष ध्यान दिया गया था। वहीं पूजा समाप्त होने के बाद तालाबों‚ नदीयों के घाटों आदि की साफ सफाई के प्रति प्रशासन उदासीन है। जिससे प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की हवा निकल गई है। डाला छठ को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहा। जिस तरह से दीपावली बीतते ही तालाबों और नदी तटों को साफ करने की होड़ लग रही। व्रत के बहाने तालाबों की साफ सफाई के प्रति जागरूकता से अच्छे संकेत दिखे। नगर के कस्बा बाजार‚ चक्का बांध सहित अन्य तालाबों को स्वयंसेवी संस्थाओं ने खूब साफ किया। यही नहीं प्रशासन ने भी इसमें कुछ हद तक सहयोग किया लेकिन छठ पूजा संपन्न होने के बाद गंदगी का अंबार लगा हुआ है। फूल, गन्ने के पत्ते, दीपक, अगरबत्ती के पैकेट के अलावा तटों पर बड़े पैमाने पर दोना पत्तल, टूटे फूटे खिलौने सहित अन्य तरीके के कचड़े का ढेर लगा हुआ है। ज्ञात हो कि यह कार्तिक माह में गंगा स्नान का बहुत महत्व है। जिसमें महिलायें बड़ी संख्या में भोर से ही गंगा स्नान के लिए नगर के गंगा घाट पर आ रही है। घाटों की साफ-सफाई न होने की वजह से पैर में दिए के टुकड़े आदि की वजह से चोटिल हो जा रहे है। वही पशु पालकों द्वारा भी स्नान घाट पर पशुओं को नहलाने है और स्नान घाट पर नाव खड़ी हो जाने से घाट सिमट गया है। इतना ही नहीं नदी में कुछ मल्लाहों द्वारा जाल डाल देने से नदी में तैरने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध एसडीएम सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि अधिशासी अभियंता नगर पालिका सहित खंड विकास अधिकारी को साफ सफाई कराने के निर्देश दिये गये है।