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तिरंगे के साथ निकला जुलूस ए मोहम्मदी

जमानियां। नगर स्थित मदरसा वारिस उल उलूम वं रजा हबीब तथा स्टेशन बाजार स्थित जमा मस्जिद से ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। जिसमें हाथों में नबी एवं भारत के परचम और जुबा पर नबी की शान में कलाम पढ़ा गया।
पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैही वसल्लम की पैदाइश का जश्न नगर सहित ग्रामीण अंचल के लोगों बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया। इस दौरान जुलुस-ए-मुहम्मदी निकाली गयी। इत्र और फूलों की खुशबू बीच जूलूस निकाली गयी जलूस में हाथों में नबी का परचम और तिरंगा दिखाई दिया। जलूस में शामिल लोगों के जुबां पर नबी की शान में कलाम पढ़ा जा रहा था। यह जुलूस नगर कि विभिनन मोहल्लों से होता हुआ अपने अपने मदरसे पर जाकर संपन्न हुआ। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। मौलाना तनवीर रजा सेक्रेटरी शाही जामा मस्जिद ने बताया कि यह जुलूस मोहम्मद साहब की पैदाइश के मौके पर निकाला जाता है। मोहम्मद साहब ने अमन की और मोहब्बत की बात की थी और हम मोहब्बत से शांति से जुलूस को निकाल कर पूरी दुनिया में अमन मोहब्बत का पैगाम देना चाहते हैं। आज देश को अमन शांति मोहब्बत की सबसे ज्यादा जरूरत है हम एक दूसरे से मिलते रहे प्यार बांटे गरीब यतीम की परेशान हाल की मदद करें। यही सबसे बड़ा धर्म है और यही सबसे बड़ा मजहब है। अंजुमनों ने नबी की शान में कलाम पेश किया। जमा मस्जिद के इमाम ने बताया कि हजरत मोहम्मद पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। उन्होंने यतीमों, विधवाओं और गुलामों को सम्मानित स्थान दिलाया। पुरुष व महिला दोनों की शिक्षा दी। उन्होंने नबी की शान में कलाम पेश किया। इस मौके पर सज्जाद वारिस खान‚ निसार वारिस खान‚ शमीम फरीदी‚ फैजान वारसी‚ ताहिर सिद्दीकी‚ वकील सिद्दीकी‚ सैयद आमिर‚ हिलाल अहमद‚ शहजाद खान‚ वकार खान‚ खालिद खान‚ हयात बारिश‚ शहनवाज‚ हाफिज नोमान असलम‚ मतलूब मूसा रजा‚ चेयरमैन एहसान जफर‚ सलीम‚ मिराज‚ मो इमरान नियाजी, सलीम नियाजी, इनाम नियाजी, इस्लाम, फैसल, शमशेर नियाजी, ग्यासुद्दीन, रोशन वारसी, राजू होदा, हैदर अली, परवेज़, वसीम, मुस्ताक, गुलाम शाबिर आदि लोग मौजूद रहे। लोगों ने जगह-जगह जुलूस का इस्तकबाल किया और मिठाइयां खिलाई एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की।