Skip to content

संकट में है लक्ष्मी के वाहन

जमानिया। लक्ष्मी के वाहन अर्थात “उल्लू” वैसे तो अलग-अलग लोगों द्वारा इन्हें अलग-अलग तरह से शुभ और शगुन का संकेत माना जाता है पर आजकल इनका जीवन संकट में पड़ गया है। क्षेत्र के हेतिमपुर गांव स्थित एक प्राइवेट विद्यालय के पास पिछले दिन एक सफेद उल्लू मरा हुआ पड़ा दिखाई दिया। इसे देख आसपास के बच्चे कौतूहल बस इकट्ठा हो गए और घण्टो भीड़ लगी रही।

भीड़ के पास से गुजर रहे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के भूतपूर्व शोधार्थी और सीनियर रिसर्च फेलो (एनपीआईबी) कीट एवं कृषि जंतु विज्ञान रमेश सिंह यादव रुक गए और जिज्ञासा उन्होंने भीड़ लगे होने का कारण जानने के लिए वे मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक उल्लू पक्षी मृत पड़ा हुआ है। जिस पर उन्होंने मृत उल्लू को हाथ मे उठा कर उसके बारे में बताते हुए कहा कि यह एक प्रकार के सफेद उल्लू की प्रजाति बार्न आउल, टाइटो अल्बा है। जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची 3 के तहत संरक्षित प्रजातियों में से एक है। हमारे देश में करीब 30 से अधिक प्रकार की उल्लू की प्रजातियां पाई जाती हैं पर आज इनका भी जीवन पर्यावरणीय छेड़छाड़ के कारण पर्याप्त प्राकृतिक वास न मिलने से संकट में हैं। इस दौरान उन्होंने लोगों से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ न करने की अपील की और पर्यावरण को बचाने का आवाहन किया। इस अवसर पर पंकज यादव, नीतीश साहनी, अजय गुप्ता, जय देव वर्मा, छोटी कुमारी, किरन यादव, पूनम यादव, दीपा, सुनीता श्रीवास्तव, राकेश सिंह, मिथिलेश यादव, आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।