गहमर(गाजीपुर)। खेत में खड़ी धान की फसल की कटाई के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों को क्षेत्र में उपलब्ध कराने को लेकर बसपा नेता परवेज खान के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सेवराई उपजिलाधिकारी को अपनी विभिन्न मांगो से अवगत करते हुये पत्रक सौंपा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन द्वारा हार्वेस्टर से कटाई के उपरांत पराली जलाने के लिए प्रशासन द्वारा सख्ती लाने के बाद किसानों के सामने धान कटाई की समस्या खड़ी हो गई है। जिससे सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा की फसल खेतों में खराब हो रही है। बुधवार को बसपा नेता परवेज खान के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों के तहत उप जिलाधिकारी सेवराई विक्रम सिंह को पत्रक सौंपते हुए किसानों के हित में करवाई करने एवं उनके समस्या के निराकरण की मांग की है। दिए गए पत्रक में बताया कि पुलिस द्वारा किसानों के फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर चालकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसे किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है हार्वेस्टर नहीं चलने के कारण कटाई करने वाले मजदूर नही मिल रहे किसानों की फसल खेतों में ही खराब हो रही हैं। उन्होंने उप जिलाधिकारी को आग्रह करते हुए बताया कि पराली संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और उसका पूरा पालन किया जाएगा लेकिन धान कटाई के लिए हार्वेस्टर प्रयोग के लिए प्रशासन द्वारा प्रताड़ित न किया जाए जिससे फसल बर्बाद होने से बच सकें। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को मुआवजा राशि देने की भी मांग की।
इस मौके पर भानू प्रताप सिंह, युसूफ खान, सफी आलम, शम्स तबरेज, तारूफ, रशीद खान, सेराज, सलाम, बेचन, नौशाद, जुनेद, इमरान, सरफराज, शकील, अनीश, इसरार, औरंगजेब अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।
किसानों के समर्थन में उतरे सपा नेता
गहमर। किसानों के समर्थन में उतरे सपा नेता मन्नू सिंह ने एक प्रेस वार्ता कर केंद्र और राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के हित के लिए नहीं उनके शोषण करने के लिए ही बनी है। सरकार को पराली जलाने का धुआं तो दिल्ली तक दिखाई दे रहा है लेकिन जिन किसानों की फसल जल गई उसका धुआ जिला के अधिकारियों तक भी नहीं दिखाई दे रही है। शासन द्वारा मुआवजा राशि तो निश्चित किया गया लेकिन कई साल से आपदा पीड़ित किसानों को उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित ₹100 प्रति कुंटल राशि भी किसानों को नहीं दी जा रही है। पहले एक नारा था “जय जवान जय किसान” आज शासन के रवैया ने नारा उलट कर रख दिया है अब नारा है “मर जवान मर किसान”। उन्होंने शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए हुए कहाकि अगर किसानों के हित को देखते हुए प्रशासन का रवैया नहीं बदला तो किसानों के समर्थन में हम प्रदर्शन को बाध्य होंगे।