जमानिया। क्षेत्र के सब्बलपुर रामलीला मैदान में आयोजित त्रिदिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन मानस मोहनी बंदना शास्त्री ने कहा कि संसारिक मोह-माया की दुनिया हो , चाहे अध्यात्म का क्षेत्र ,सम्बंध जोड़ने के लिए किसी मध्यस्थ की भूमिका अहम होती है। रामायण जी के शिव विवाह और राम विवाह के प्रसंग का दृष्टांत सुनाकर कहा कि पार्वती जी ने शिवजी को पसंद किया जरुर लेकिन नारद जी की मध्यस्थता के कारण ही शिव पार्वती का विवाह हो पाया उसी प्रकार रामजी और सीताजी एक दूसरे को पसंद तो करते हैं लेकिन गुरु विश्वामित्र की अनुमति और दोनों के माता पिता की सहमति के पश्चात ही रामजी एवं सीताजी का विवाह सम्पन्न हो सका। इसी प्रकार आध्यात्मिक सम्बंध को भी परमात्मा के साथ जोड़ने के लिए किसी सदगुरू की जरूरत पड़ती है,और जब जीव को योग्य गुरु मिलता है तो वह उसका संबंध भगवान के साथ जोड़ देता है। आजकल के युवा भी रामकथा के इन प्रसंगों से शिक्षा लें और माता पिता और योग्य मध्यस्थ के माध्यम से ही विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय को क्रियान्वित करें। रामकथा जीवन के हर पहलू और समस्या की कुंजी है, सभी समस्याओं का समाधान रामकथा के माध्यम से हो सकता है। आयोजन में बुच्चा यादव,संत विश्राम दास, विनोद श्रीवास्तव, दीपनारायण शास्त्री और शिवजी महाराज संत दयाराम दास ने भी कथा अमृत का पान कराया। कथा मंच का संचालन रामदत्त यादव ने किया।