सुहवल। उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ के चेयरमैन डॉ उमेश शर्मा के दिशा निर्देशन में संजय श्रीवास्तव जोन सचिव / जेल पर्यवेक्षक उत्तर प्रदेश समिति के सदस्यों द्वारा जेल का निरीक्षण किया गया। 2 घंटे चले निरीक्षण के उपरांत कुछ छोटी मोटी चीजो को छोड़ दिया जाए तो सभी चीजें सामान्य पाई गई।
महिला कैदियों की संख्या 37 है और बच्चों की संख्या 30 है महिला कैदियों से बात करने पर यह मालूम हुआ कि ज्यादातर महिलाएं दहेज उत्पीड़न में बंद है हालांकि जेल की रसोई और दीवार सन 2011 के बाद से अबतक नहीं बन पाई है, जेल में 30 CCTV कैमरा लगा है जिसमें ज्यादातर कैमरे वर्किंग में नहीं है, जेल में कैदियों की संख्या 397 के सापेक्ष 797 है जो दोगुनी से ज्यादा है जेल के अंदर अस्पताल की क्षमता २०बेड की है जिसमें 1 कैंसर और 2 HIV पीड़ित मिला समिति के सदस्यों द्वारा अस्पताल में भर्ती कुछ कैदियों से बात की गई उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था को और ठीक करने की बात कही अस्पताल की व्यवस्था डॉक्टर यश सी राय व डॉ शिशिर द्वारा देखी जा रही है वहीं कैदियों के खानपान की व्यवस्था का जायजा लिया गया जेलर द्वारा बताया गया कि जेल में अनिरुद्ध कैदियों द्वारा ही भोजन बनाया जाता है । जेलर ने बताया कि कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक होने से भी व्यवस्था में दिक्कत हो रही हैं
जेल अधीक्षक राजेन्द्र कुमार व
उप जेल अधीक्षक कमल चंद ने बताया कि जेल के अंदर आने वाले कैदियों के परिजनों को गहन जांच के बाद ही अंदर कैदियों से मिलने दिया जाता है.धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव जेल में बंद कैदियों को शिक्षा देते है,जेल में नाली काफी गंदी पायी गई, पीने के पानी के लिए आरओ सिस्टम तो लगा है लेकिन 6 महीने से खराब है 2 रोटी मेकर लगी है वो भी ख़राब पाई गईं,।
निरीक्षण के उपरांत जोन सचिव संजय श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति जेल मैनुअल के अंतर्गत काम करती है जिस के मुख्य संरक्षक राज्यपाल होता है यह संस्था नारी सुधार, बाल सुधार, जेल में खानपान व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था को देखती है समय-समय पर यह संस्था जेल का निरीक्षण करके शासन को रिपोर्ट भेजती रहती है निरीक्षण करने में मुख्य रूप से संजय श्रीवास्तव जोन सचिव,जिला सचिव अभिषेक सिंह ,सुनिल गुप्ता, विशाल चौरसिया,डॉ धीरज, अनुज अग्रवाल, नितिन आनंद, आदि लोग उपस्थित रहे।