मार्गों पर वाहन पूरी तरह से रेगंते नजर आए कुहासे के कारण अपने-अपने लाईटे जला कर चल रहे थे, कुहासा इतना भीषण रहा की पैदल राहगीरों को भी चलना काफी परेशानियों भरा रहा ।वहीं किसान भी अब कुहासे से अपने-अपने फसलों को बचाने के लिए विभिन्न तरह की जुगत में जुटने लगे है, रुक-रुक कर पछुआ हवा के झोंको ने तो लोगों को अपने कमरों में ही कैद रहने को मजबूर कर दिया,लेकिन दोपहर बाद धूप खिलने से लोगों ने सुकुन महसूस किया । बदलते इस मौसम के कारण लोगों के बीमार होने की आशंकाएं भी ‘यादा नजर आने लगी है। कई लोग नजला जुकाम आदि की शिकायतें होने लगी हैं तथा अस्पताल में भी इसी रोग के मरीजों की संख्या अधिक बताई जा रही है। सुबह व शाम सर्दी के तीखे तेवरों के चलते लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। सुबह 10 बजे तक लोग रजाइयों में दुबके रहते हैं तो शाम को सूरज ढलने के साथ ही बाजारों में भी रौनक कम होने लगती है। प्रमुख मार्ग भी ठंठ के चलते सन्नाटे में डूब जा रहे है । तापमान में लगातार गिरावट होने से गलन वाली सर्दी बढ गई है।