सुहवल। सेतु के भारी वाहनों के लिए खुलते ही शुरू हुआ जाम का झाम का सिलसिला ग्यारह माह तक जाम के झाम से लोगों को मिला था सुकुन । पिछले करीब दस घंटों से थमा है वाहनों का पहिया राष्ट्रीय राजमार्ग 24/97 पर बहलोलपुर गाँव के पास ओवरलोड वाहनों के बेतरतीब तरीके से वाहनों को मार्ग के दोनों तरफ खडा करने के कारण आज सुबह चार बजे से ही इस कदर जाम लगा कि पैदल निकलना भी दुश्वार हुआ ।
, जिसके चलते स्कूली वाहन,पैदल राहगीर, बाईक सवार सभी अपने-अपने गन्तव्य की तरफ जाने के लिए दूसरे सुरक्षित मार्गों की तलाश में जुटे है ।वहीं पुलिस को इस ठंठ के मौसम में जाम को समाप्त कराने में भी पसीना बहाना पड रहा है, वहीं जाम के कारण राजमार्ग पर करीब दस किमी लंम्बी वाहनों की कतार लग चुकी है, जिससे पार पाना लोगों के वश की बात नहीं है । जाम के कारण स्कूली बच्चे,बुजुर्ग,सहित अन्य लोग जान को हथेली पर रख पटरियों के नीचे से सडक पर जाने के लिए अपने समानों को सर पर खेतों से आते जाते रहे। कई लोग तो गिरकर चोटहिल होने से भी बचें ।वहीं जाम में फसें वाहनों के चलन के कारण उडने वाली धूल ने भी राहगीरों को दोहरी मार दी, लगने वाले जाम को लेकर राहगीरों ने कहा कि जाम लगने का मुख्य कारण वाहनों के बेतरतीब तरीके से खडा करने का नतीजा है। इस पर प्रशासन के आलाधिकारियों को ध्यान देना चाहिए । इस जाम के कारण विभिन्न मार्गों पर करीब दस किमी लंम्बा जाम लग गया।जिसे समाप्त कराने में पुलिस के पसीने छूटते रहे, शादी विवाह का मुहूर्त होने के कारण इसमें बराती भी घंटों फसें रहे, लोगों का कहना था कि अगर जमानियाँ, भरौली, सैदपुर,बलुआ आदि गंगा पुलों को वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाए तो काफी हद तक लगने वाले जाम के झाम से मुक्ति मिल सकती है ।लेकिन न तो जनप्रतिनिधि नहीं आलाधिकारियों का ध्यान उस तरफ है हालांकि मामला संज्ञान में होने के बावजूद अभी तक चालू न होना समझ से परे है । जिलामुख्यालय की तरफ होकर विभिन्न जगहों की तरफ आने जाने वाले के लिए एकमात्र यही हमीद सेतु बचा है जिसपर वाहनों का अत्यधिक दबाव होने के कारण जाम आए दिन लगना अब आम बात हो चुकी है ।