सुहवल। राष्ट्रीय राजमार्ग 24/97 जमानियाँ गाजीपुर सैयदराजा पर जाम का झाम का सिलसिला जो मंगलवार को शुरू हुआ वह आज चौथे दिन भोर में भी करीब तीन बजे से लगातार बदस्तूर जारी रहा,जिसके कारण मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की काफी लंम्बी कतार लग गई है, एक दूसरे वाहन को निकलने के लिए काफी मश्क्कत का सामना करना पड रहा है ।
हालाकिं पुलिस जाम को समाप्त कराने के लिए देर रात्रि से लगी है कुछ देर समाप्त होने के बाद पुन: जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जा रही है । गंगा नदी पर जनपद से सटे हुए एकमात्र सेतु के चालू होने से वाहनों का दबाव इतना ज्यादा बढ गया है कि लोगों को समझ नहीं आ रहा कि इस झंझावत से उन्हेम मुक्ति कैसे मिलेगी, बहरहाल यह जाम का सिलसिला लोगों के दैनिक जीवनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा है, जो विभिन्न तरह कि समस्याएं खडी कर रहा है, जाम का लगना उसका मुख्य कारण बालू,कोयला सरिया,गिट्टी आदि लदे ट्रक/ वाहन चालकों के द्वारा अपने वाहनों को विभिन्न मार्गों के किनारे बेतरतीब तरीके से खडा करने के चलते यह समस्या आ रही है जो क्षेत्रीय लोगों सहित अन्य लोगों के लिए नासूर बनती जा रही है, आज भी जाम के कारण स्कूली छात्र-छात्राओं, मरीजों, सरकारी, निजी नौकरी पेशा, वादकारियों, ,व्यापारियों, सहित तमाम लोगों को जूझना पड रहा है, अपने गन्तव्य की ओर जाने के लिए बहुत से लोग तो पैदल हो जा रहे है, असमय गन्तव्य तक पहुंचने पर समय से उनके काम नहीं हो पा रहे है ।शुरू हुए जाम कप लेकर लोगों ने कहा कि सुकुन था 11 माह जब भारी वाहनों के पुल से गुजरने पर रोक थी, साथ ही सडक हादसे न होने को लेकर भी लोग निश्चिन्त रहे, लेकिन जैसे ही पुल की मरम्मत के बाद भारी वाहनों का आवागमन पर हरी झंडी मिली पुरानी समस्या से दो-चार होना शुरू हो गया, लोगों का कहना है कि आखिर इस जाम से उन्हें कैसे मुक्ति मिलेगी या इसका कोई समाधान हो दिखता नजर नहीं आ रहा है, खैर जो भी हो प्रशासन को जाम न लगे यातायात ब्यवस्था सुचारू बना रहे इसके लिए पूरी तरह से तत्पर रहना होगा, इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों कप आगे आना होगा गंगा पर विभिन्न जगहों पर स्थित पुलों की मरम्मत करा उन्हें चालू कराना होगा ताकि वाहनों का दबाव भार क्षमता एक ही पुल पर न पडे । जबसे यह हमीद सेतु भारी वाहनों के लिए खुला है वाहनों का इतना ज्यादा दवाव बढ गया है कि इनकी कतार काफी दूर-दूर तक दिखाई दे रही है, जो जाम का अक्सर कारण बनने के साथ ही क्षेत्रीय आवागमन एवं उनकी दिनचर्या को प्रभावित कर रही है ।मालूम हो कि इस पुल से नेपाल,गोरखपुर, मध्यप्रदेश, बंगाल,बिहार,बस्ती, इटावा,वाराणसी, प्रयागराज,दिल्ली, आजमगढ, फैजाबाद मऊ,जौनपुर, सोनभद्र आदि अन्य विभिन्न जगहों के लिए प्रतिदिन हजारों छोटे-बड़े मालवाहक वाहनों का आना-जाना लगा रहता है ।चूंकी इस पुल से होकर गुजरने पर उक्त जगहों की दूरी काफी कम तय करनी पडती है इस कारण, वाहन चालक इसी रास्ते से आना-जाना चाहते है ।वाहनों के एक साथ चलने से धूल का भी गुबार इतना उठता है कि सडको किनारे गाँव, खेतों में लगी फसलें पूरी तरह से पट जाती है, साथ ही उडने वाली धूल से लोगों के स्वास्थ्य पर भी काफी बुरा असर पडने का खतरा बना रहता है,बहुत से लोग तो विभिन्न बीमारियों से ग्रसित भी हो रहे है ।वहीं जाम को समाप्त कराना एवं यातायात ब्यवस्था को सुचारू बनाए रखना पुलिस के लिए भी कम टेढी खीर नहीं है, तमाम कवायदो के बावजूद जाम की स्थिति दिन रात बराबर बनी रहती है ।