सुहवल। तमाम कवायदो के बावजूद हमीद सेतु से भारी ओवरलोड वाहनों के गुजरने का सिलसिला पूरी तरह बदस्तूर तरीके से जारी है ।तो वहीं दूसरी तरफ यह प्रमुख
राष्ट्रीय राजमार्ग 24/97 जमानियाँ गाजीपुर सैयदराजा पर अब पूरी तरह से ओवरलोड बालू,गिट्टी, कोयला आदि लदे वाहनों का पूरी तरह से दिन-रात कब्जा हो चुका है, इस दौरान इनके संचालन एवं राजमार्गों पर जगह-जगह बेतरतीब तरीके से खडा करने के कारण आए दिन जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है,।
जिसके कारण आवागमन करने वाले आम लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड रहा है ।वहीं पुलिस के द्वारा जिस तरह से आदेश को ताक पर रख ओवरलोड वाहनों का संचालन पुलिस के द्वारा धडल्ले से कराया जा रहा है, उसको देखते हुए यह शंका अब पूरी तरह से पक्की हो चुकी है कि गंगा नदी पर स्थित हमीद सेतु के गिने-चुने दिन शेष रह गये है ।इन ओवरलोड वाहनों के गुजरते समय सेतु के स्पैन में कंम्पन्न प्रतिदिन बढती जा रही है जो आने वाले खतरे की तरफ साफ इशारा है ।ओवरलोडिंग वाहनों ट्रक आदि का संचालन देखना है तो पुल के दोनों तरफ प्रमुख जगहों पर वाहन स्वामी अपने-अपने निजी लक्जरी वाहनों से पहुँच पुलिस के द्वारा कुछ चिन्हित स्थानीय लोगों से मिल सुविधा शुल्क दे अपने ओवरलोड ट्रकों को पुल पार करा ले जाते है । ओवरलोड वाहनों के बेतहाशा संचालन कराए जाने से एक बार फिर खतरा मडराने लगा है । ओवरलोड वाहनों के बदस्तूर संचालन के चलते हमीद सेतु के पीलर नंम्बर 6 एवं 7 के मध्य ज्वाईंटर नंम्बर 14 के स्पैन के टाप-अप फ्लोर के ऊपरी सतह पर होल के ऊपर लगे लोहे के प्लेट के चारों तरफ लगी कांक्रिट एवं पीच भारी वाहनों के दबाव के कारण टूटने लगी है,जबकि लगी लोहे की प्लेट के ऊपर से भारी वाहनों के गुजरते समय प्लेट के अपने जगह से खिसकने की.,पूरी आशंंका बनी हुई हैै।,लोगों ,.का कहनाा है कि अगर लोहे की प्लेट निर्धारित,.अपने जगह से वाहनों के दबाव के कारण खिसक गया तो निश्चित ही बडा हादसा होने से कोई रोक नहीं सकता है, वहीं ओवरलोड वाहनों के गुजरते समय स्पैनों में आवश्यकता से अधिक कंम्पन्न होने लगी है ,जिस तरह से ओवरलोड वाहनों का संचालन पुलिस की मिली भगत से बेहिचक कराया जा रहा है वह कभी भी हमीद सेतु के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है, ओवरलोड ट्रक, ट्रेलर, आदि को हमीद सेतु से इस-पार से उस-पार कराने के लिए बकायदा रेट फिक्स है जैसी ओवरलोडिंग वैसा सुविधा शुल्क तय है,किसी तरह की कार्यवाही से बचने के लिए क्षेत्रीय विशवस्त लोगों को यह जिम्मेदारी पुलिस के तरफ से दी जाती है, यह सब खेल पुलिस के निगरानी में धडल्ले से हो रहा है ।पुल की मरम्मत के बाद इसे खोलने से पहले वाहनों के लिए बकायदा तमाम तरह के दिशानिर्देश जारी किए गये थे, इंजीनियरों के मुताबिक पुल पर चलते समय एक वाहन की भार क्षमता 30 से 40 टन एक वाहन के दूसरे वाहन की दूरी करीब दस फीट होने के साथ ही प्रति वाहन 20 किमी प्रति घंटा गति सीमा निर्धारित की गई थी, लेकिन सभी की धज्जियां उडाते हुए पुलिस की मिली भगत से करीब 70 टन से लेकर 90 टन तक के विभिन्न तरह के ओवरलोड वाहनों का संचालन बेहिचक जारी है । इस मामलें में पुलिस अधीक्षक डाक्टर अरविन्द चतुर्वेदी ने कहा कि ओवरलोड वाहनों के संचालन रोकने के लिए सभी संम्बन्धित थानों को सख्त हिदायत दी गई है, अगर ऐसा है तो इसकी जांच करा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी, इसको लेकर आकस्मिक निरीक्षण भी किया जायेगा ।वहीं जिलाधिकारी के द्वारा ओवरलोड वाहनों पर रोक के लिए टीम बनाई गई है जो लगातार अपने अभियान में जुटी है ।