कंदवा(चन्दौली)।सरदार बल्लभ भाई पटेल व लालबहादुर शास्त्री को छोड़कर आजादी के बाद से आज तक सभी दलों ने किसानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनकर जीने के लिए विवश कर दिया है।
1970 में एक माह के वेतन में तीन क्विंटल गेंहू मिलता था,वहीं आज एक माह के वेतन में तीस क्विंटल गेंहू खरीदा जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस,जनता पार्टी, संयुक्त मोर्चा व भाजपा की सरकारें समान रूप से दोषी हैं। उक्त बातें रविवार को अमड़ा तिराहे पर किसान नेता रतन सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। कहा कि खेती के लिए तेरह एकड़ पर सीलिंग कानून बनाया गया है लेकिन शहरों में बंगलों व फैक्ट्रियों पर आज तक कोई सीलिंग कानून नहीं बनाया गया। कहा कि आजादी से लेकर आज तकरीबन तीन लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। लेकिन किसानों के नाम पर आज तक एक बार भी संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया गया। कहा कि मन्दी के नाम पर एक लाख चौसठ हजार करोड़ का रियायत उद्योगपतियों को दिया गया। लेकिन किसानों के नाम पर कोई रियायत नहीं है। हिन्दू मुसलमान के नाम पर संसद ठप्प करने वाले सांसदों ने आज तक कभी भी किसानों के नाम पर संसद ठप नहीं किया है। कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार हो या यूपी की भाजपा सरकार इनमें कोई अन्तर नहीं है। इस दौरान शशिकांत राय, नागेन्द्र सिंह, अरुण सिंह, प्रवीन सिंह, मृत्युंजय चौरसिया आदि लोग मौजूद रहे।