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335 मोतियाबिंद के मरीजों ने उठाया लाभ

ग़ाज़ीपुर। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत 1 से 15 दिसंबर तक राष्ट्रीय अंधता निवारण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। जिसके तहत मोतियाबिंद का निशुल्क ऑपरेशन व जांच किया जा रहा है। जिसके तहत 1 से 8 दिसंबर तक 335 मरीजों का निशुल्क ऑपरेशन सरकारी अस्पतालों और एनजीओ के माध्यम से किया जा चुका है।

ऑपरेशन का कार्यक्रम जनपद के 2 सरकारी अस्पताल और 8 निजी अस्पतालों में निशुल्क किया जा रहा है।
एसीएमओ डीपी सिन्हा ने बताया कि 1से 15 दिसंबर तक चलने वाले इस पखवाड़े में जनपद के जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर और एनजीओ की मदद से लगातार निशुल्क ऑपरेशन का कार्यक्रम चल रहा है जिसके तहत 7 दिसंबर तक जिला चिकित्सालय में 48, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर में 7, एनजीओ 24, निजी चिकित्सालय में 215 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। वही 8 दिसंबर को शम्मे गौसिया मेडिकल कॉलेज सहेड़ी में डॉ निशांत सिंह के द्वारा 41 निशुल्क ऑपरेशन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े में मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए मरीजों को 1 माह बाद निशुल्क चश्मा का वितरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो भी लोग मोतियाबिंद से पीड़ित हैं वे लोग जिला चिकित्सालय गाजीपुर ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर के साथ ही इस योजना में चयनित मां दुलेश्वरी अस्पताल आमघाट और शम्मे गौसिया मेडिकल कॉलेज सहेडी में अपना रजिस्ट्रेशन कराकर कर निशुल्क इलाज और ऑपरेशन का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2018 में भी पखवाडा चला था जिसमें 638 मरीजों का निशुल्क ऑपरेशन किया गया था। इसके साथ ही मार्च 18 से मार्च 19 के मध्य कुल 8734 मोतियाबिंद के निशुल्क ऑपरेशन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि हमारी आंखों को प्रभावित करने वाले मुख्‍य रोग हैं मोतियाबिन्‍द, ग्‍लूकोमा, आयु से संबंधित मैक्‍यूलर निम्‍नीकरण, भेंगापन, डिटेच्‍ड रेटिना, मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया। चूंकि आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्‍वपूर्ण अंग हैं अत: यह महत्‍वपूर्ण है कि इन्‍हें स्‍वस्‍थ और रोग मुक्‍त रखने के लिए आवश्‍यक कदम उठाए जाएं। सरकार ने वर्ष 1976 में अंधता को नियंत्रित करने के लिए राष्‍ट्रीय कार्यक्रम प्रारंभ किया ताकि कुल जनसंख्‍या का 0.3 प्रतिशत की व्‍यापकता दर प्राप्‍त की जा सके। अंधता को नियंत्रित करने के लिए, देश भर में जिला स्‍तर पर अंधता नियंत्रण संस्‍थाओं को भी स्‍थापित किया गया है तथा कई गैर सरकारी संगठन भी भारत में अंधता नियंत्रण के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।