सुहवल। अत्याधुनिक इंसास राइफल से पूरी तरह से लैस हुई सुहवल पुलिस पुराने पड चुके सभी थ्रीनाट-थ्री रायफल रखे गये मालखाने में इतिहास बन गई थ्रीनाट-थ्री रायफल शासन के आदेश जारी होने के साथ ही सुहवल पुलिस इंसास, के साथ ड्यूटी करते दिखाई दिए। पहरे पर इंसास रायफल के साथ महिला आरक्षी ड्यूटी करती हुई पाई गई ।
थाने के मालखाने में रखी गईं सभी 18 थ्री नॉट थ्री रायफल , सुहवल पुलिस अब पूरी तरह से अत्याधुनिक इंसास राइफल से लैस हो गई है। पहले थाने में सिर्फ गिने-चुने ही इंसास थी।शासन के आदेश के अनुपालन में एवं उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अब थानों में इंसास से ही अब बैंक ड्यूटी, गस्त,पहरा, हमराही सभी अत्याधुनिक इंसास,एस एल आर से ड्यूटी दी जा रही हैं।जबकि थ्री नॉट थ्री की राइफल थानों में ही रखवा ली गई हैं। इसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने इंसास को लेकर सभी थाना प्रभारियों को जरूरी निर्देश दिए है ।मालूम हो कि पिछले माह प्रदेश सरकार ने फरमान जारी कर पुलिस विभाग से सभी पुरानी पड चुकी थ्रीनाट – थ्री रायफलों की जगह अत्याधुनिक इंसास, एस एल आर, एवं अत्याधुनिक पिस्टलों से लैस करने के कडे निर्देश दिए गये जिसके क्रम में आलाधिकारियों के निर्देश पर विभाग से इन रायफलों को पूरी तरह से हटा ,इनकी जगह अत्याधुनिक इंसास, एस एल आर आदि से विभाग को लैस करने का क्रम शुरू हो गया जिनमें सुहवल थाना पुलिस अब पूरी तरह से इस अत्याधुनिक रायफलों से लैस हो चुकी है, तो पुरानी थ्रीनाट- थ्री अब महज इतिहास बनकर रह गई है ।मालूम हो कि पूर्व में कई बार मुठभेड़ या संवेदनशील मामलों में सामने आया कि पुरानी राइफल एन वक्त पर नहीं चली। इसके बाद शासन ने मामलें का संज्ञान लेते हुए पुलिस को पूरी तरह से हाईटेक बनाने के साथ ही अत्याधुनिक इंसास से लैस करने का फैसला किया । अब सुहवल पुलिस बैंक ड्यूटी, गस्त,पहरा, हमराही सभी अत्याधुनिक इंसास,एस एल आर से ड्यूटी दे रहे है । पुलिस का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से थाना पुलिस के पास इंसास सबसे मजबूत हथियार है। जहाँ तक असलहों की संख्या की बात है जितने पुलिस कर्मी है उतने असलहों का होना जरूरी है ।जो जल्द ही मिलने उम्मीद हैै । मालूम हो कि शासन ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि अब किसी भी थाने पर थ्री नॉट थ्री रायफल का उपयोग न हो। यदि इसे उपयोग में लाया जाएगा तो संबंधित थानाध्यक्षों, प्रतिसार निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शांति व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा अपराधों पर और अधिक प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिए पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने योजना को अन्तिम रूप दिया जा रहा है । मालूम हो कि1998 की गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारत में बनी अत्याधुनिक इंसास राइफल्स प्रदर्शित की गई थी। इसका पहली बार प्रयोग 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सेना ने किया था। सेना के बेड़े से बाहर होने के बाद अब इंसास को पैरा मिलिट्री फोर्स और पुलिस को दिया गया है।रहा सवाल होमगार्डो को इस अत्याधिक असलहे से ड्यूटी देने का तो उन्हें पहले इसकी फायर/ चलाने की ट्रेनिंग के उपरांत ही यह असलहा उन्हें दिया जायेगा । इंसास की खासियत ….. इससे सिंगल या तीन राउंड मोड में भी फायर किया जा सकता है।इसमें दूरबीन लगाई जा सकती है। 4.15 किलोग्राम वजन की इंसास में 5.56 एमएम कारतूस प्रयोग होती है। आगे एक चाकू/ संगीन भी जोड़ा जा सकता है। 400 मीटर की रेंज वाली इंसास का विकसित रूप लाइट मशीन गन है। इसकी रेंज 700 मीटर है और ऑटोमेटिक मोड पर भी फायर किया जा सकता है। इसमें 20 से 30 राउंड की मैग्जीन का प्रयोग किया जाता है। यह राइफल एक मिनट में 650 फायर कर सकती है। सुरक्षा की दृष्टि से सभी थानों में अत्याधुनिक इंसास से ड्यूटी देने के निर्देश दिए गये हैं । इस मामलें में प्रभारी निरीक्षक संजय वर्मा ने कहा कि पुलिस के जवानों को इंसास मुहैया करा दी गई हैं। अब वह थ्री नॉट थ्री का प्रयोग नहीं कर रहे हैं,पुरानी रायफलों को मालखाने में जमा करा दिया गया है । कहा कि इंसास रायफलों के और जल्द मिलने उम्मीद है, इंसास रायफलों में सबसे प्रभावी एवं कारगर साबित होगी ।अपराधो एवं विकट परिस्थितियों में निपटने में अब पुलिस को खासी मदद मिलेगी ।