जमानियां। स्थानीय विकास खंड में बुधवार को जन प्रतिनिधि और रोजगार सेवक के बीच मारपीट हुई। जिसके बाद मामला कोतवाली पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षो से तहरीर लेकर मामले की जांच में जुट गयी है।
रोजगार सेवक दीपक यादव का आरोप है कि जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव कार्यालय पर आये और बत्तमिजी करने लगे। जिसका विरोध करने पर उन्होंने हाथा-पाई शुरू कर दी और कार्यालय में रखा जन्म का रजिस्टर फाड़ दिया। जिस पर विकास खंड के कर्मचारी लाम बंद हो कर कोतवाली पहुंचे और घटना की लिखित जानकारी पुलिस को दी। कर्मचारी जेल भेजने का मांग कर रहे थे और जेल भेजे जाने तक कार्य ठप रखने की बात कही। वही जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव ने बताया कि रोजगार सेवक दीपक यादव का आरोप गलत है। कथन में हाथा-पाई को छोड़ कर सच्चाई नहीं है। उन्होंने बताया कि मैं तो राघोपुर गांव में जल निकासी की समस्या को लेकर बीडीओ से मिलने गया था। बीडीओ मिटिंग में थे और कुछ देर बार वार्ता कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद मैं अपने गांव के सचिव को ठुंठता हुआ मतपेटियों के गोदाम में पहुंचा। जहां एक रोजगार सेवक बैठा हुआ था। जिससे सचिव के बारे में पुछने पर वह उल्टा सीधा बोलते हुए गाली गलौज करने लगा और देखते ही देखते रोजगार सेवक ने हाथ छोड़ दिया। जिस पर रोजगार सेवक के साथ हाथा–पाई हुई। उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक का आरोप की घटना कार्यालय में हुई सरासर गलत है। जिस स्थान पर घटना हुई वह कार्यालय नहीं है‚ वह मतपेटियों को रखा जाने वाला गोदाम है। उन्होंने बताया कि रोजगार सेवक न ही हमारे हल्के का है न ही फाड़ा गया रजिस्टर हमारे क्षेत्र का है। उन्होंने सवाल उठाया कि रोजगार सेवक के पास जन्म का रजिस्टर कैसे आया और वह गोदाम में कैसे पहुंचा। सबसे बड़ी बात की मतपेटीयों को रखे स्थान को खोला क्यो गया था ? उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति ने उस रजिस्टर को फाड़ा है उसके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि कर्मचारियों द्वारा साज़िश रच कर पुलिस पर दबाव बनाया कर फसाने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में बीडीओ हरीनरायण ने कहा कि कार्यालय में घुस कर जिला पंचायत सदस्य द्वारा कर्मचारी को मारा पीटा गया है। जिसकी तहरीर कोतवाली में दी गयी है। वही कोतवाली प्रभारी मंशा राम गुप्ता ने बताया कि रोजगार सेवक के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। वही उन्होंने बताया कि जिला पंचायत सदस्य द्वारा सीओ जमानियां को प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिसकी जांच कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।