ग़ाज़ीपुर। स्वास्थ्य विभाग ने पोषण माह के दौरान चिन्हित किए गए लाल श्रेणी (अति कुपोषित) के बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) तक पहुंचा कर स्वस्थ करने का मन बना लिया है ।
इसको लेकर गत बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी हरिकेश चौरसिया ने बैठक कर सभी ब्लॉकों से लाल श्रेणी के दो-दो बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक पहुंचाने का निर्देश दिया था। इसके बाद दो दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर के द्वारा कुल 22 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचाया गया।
एनआरसी पर अति कुपोषित बच्चों का चेकअप कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुजीत कुमार मिश्र ने बताया कि कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट करने के लिए डब्ल्यूएचओ ने तीन तरह के मानक दिए हैं जिसके आधार पर बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। उन्होने बताया कि गंभीरता को देखते हुए अलग से इंतजाम करके सभी को भर्ती किया जा रहा है।
जमानिया के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एजाज अहमद ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे चिन्हित बच्चों को लाने का निर्देश दिया गया जिसके तहत बच्चों को केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है। यदि किसी भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह की समस्या होती है तो उसकी जानकारी होने पर विभागीय स्तर पर भी सहयोग कर कार्रवाई की जा रही है।
मोहम्मदाबाद परियोजना की सुपरवाइजर भाग्यमनी जायसवाल ने बताया – रसूलपुर हकीम गांव का एक साल का बच्चा आर्यन जिसका वजन पांच किलो ही था और वह लाल श्रेणी में आ चुका है उसे केंद्र तक लाई है। वही भावरकोल ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीता सिंह ने बताया कि वह पीली श्रेणी के चार बच्चों को केंद्र तक लाई। जमानिया परियोजना की हरपुर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माया देवी ने दो लाल श्रेणी के बच्चों को केंद्र में भर्ती कराया।
केंद्र पर अपने कुपोषित बच्चे को लेकर हरिहरपुर गाँव से आई राधिका ने बताया कि वह पिछले 10 दिनों से अपने बच्चे को लेकर केंद्र में भर्ती है और उसकी देखरेख यहां के कर्मचारियों के द्वारा बेहतर तरीके से की जा रही है। वहीं बच्चों के वजन में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वही दूसरी हरपुर गाँव की लाभार्थी बुधिया ने बताया कि उनका बच्चा एक साल का होने के बाद भी कम वजन का था । क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दिए गए सुझाव पर बुधिया ने अपने बच्चे को केंद्र पर भर्ती कराया है और अब उनके बच्चे के वजन में बढ़ोतरी हो रही है।