ग़ाज़ीपुर। स्वास्थ्य विभाग ने दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। जनपद में भी कुछ ऐसे इलाके हैं जहां से लोग अपने बच्चों का टीकाकरण कराने सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक या फिर स्वास्थ्य उपकेंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसी के मद्देनजर सोमवार को प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आर के सिन्हा ने तीन सचल टीकाकरण वैन को हरी झंडी दिखाकर ग्रामीण इलाकों के लिए रवाना किया।
डॉ सिन्हा ने बताया कि विभाग को तीन सचल मोबाइल टीकाकरण वैन प्राप्त हुए हैं। वैन के मिल जाने से दूरस्थ ग्रामीण इलाके जो टीकाकरण से वंचित रह जाते थे, अब उनका टीकाकरण शत-प्रतिशत कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस वैन से जनपद के सभी ब्लॉक मैं तैनात चिकित्सा अधिकारी को पहले से ही रूट मैप दे दिया जाएगा ताकि संबन्धित ब्लॉकों में टीकाकरण वैन उपलब्ध रहे। वैन में टीकाकरण की सामग्री के साथ एएनएम और स्वास्थ्य कर्मी चयनित गांव में पहुंचकर टीकाकरण का कार्य करेंगे। इस वैन के माध्यम से महीने में 18 से 20 दिन तक टीकाकरण किया जाएगा।
टीकाकरण (प्रतिरक्षण) क्या है?
डॉ आरके सिन्हा ने बताया टीकाकरण का उद्देश्यम बच्चों को संक्रामक रोगों से ग्रसित होने की संभावना को कम करना है। टीकाकरण जन्म से शुरू कर दिया जाना चाहिए, क्योंककि नवजात शिशुओं की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वह संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। जैसे-जैसे वह बड़े होते हैं, कुछ टीकों की बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए, ताकि रोग प्रतिरक्षण को बनाए रखा जा सके। यदि अधिकतर लोग टीकाकरण करा लें और रोगों के प्रति प्रतिरक्षा प्राप्त कर लें, तो समुदाय में आसानी से संक्रामक रोगों को फैलने से रोका जा सकता है। परिणामस्वररूप, व्यक्तियों और समुदाय के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा की जा सकती है।
इस अवसर पर डॉ के के वर्मा, डॉ के के सिंह, अमित राय, राघवेंद्र सिंह के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।