कंदवा(चन्दौली)। नरवन परगना की माटी में समय-समय पर ऐसी विभूतियों का प्रादुर्भाव हुआ जिन्होंने अपने त्याग बलिदान एवं महत्वपूर्ण कार्यों के द्वारा न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्र स्तर पर इस क्षेत्र को विशिष्ट स्थान एवं गौरव प्रदान किया। उन्हीं में से एक विभूति स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रामधनी सिंह भी थे।
बरहनी गांव में जन्मे सरस्वती के अनन्य साधक रामधनी सिंह क्षेत्र के लड़कों और लड़कियों को शिक्षित होते देखना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 1968 में किसान इंटर कालेज बरहनी की स्थापना किया। उनका मकसद था कि क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा दीक्षा मिल सके,ताकि उनका भविष्य सज संवर सके। आज उन्हीं के प्रयासों का प्रतिफल है कि क्षेत्र के तमाम छात्र- छात्राएं उनके द्वारा स्थापित शिक्षा के मंदिर में शिक्षा ग्रहण कर जनपद और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। इसी विभूति के प्रयास के चलते बरहनी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,साधन सहकारी समिति और चिरईगांव में आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना हो सकी। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 1942 में सैयदराजा में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सैयदराजा में हुए गोली कांड में लगी गोली के छर्रों को आप जीवन पर्यंत ढोते रहे। उनके द्वारा स्थापित शिक्षा के मंदिर में शिक्षा ग्रहण करने वाले अनेकों बच्चों ने अपनी मेहनत व लगन की बदौलत मण्डल व प्रदेश स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।