सेवराई(गाजीपुर)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के स्वर्गीय चंद्रशेखर महाविद्यालय सेवराई रामपुर कनवा में शनिवार को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर पायलट बाबा व साध्वी लक्ष्मी माता का पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह व विद्यालय के छात्र – छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत अभिनंदन किया।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के सेवराई रामपुर कनवा स्थित स्वर्गीय चंद्रशेखर महाविद्यालय में शनिवार को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का स्वागत करने के लिए प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह सहित विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय के मुख्य द्वार से ही थाली में फूल मालाओं से पुष्प वर्षा कर पायलट बाबा की जय कार के साथ किया गया पायलट बाबा ने उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि इस धरती पर भगवान ने हमें एक मनुष्य बना कर दो हाथ दो पैर दिए है । इसलिए हमें समाज और राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने मानव धर्म को निभाने का कार्य करन चाहिये । इस धरती पर हम अपने कर्मों को पूरा करने के लिए आए हुए हैं।और हम अपने कर्मों को पूरा करने के लिए इस धरती पर जन्म लिया है । मां भारती ने हमें जितना समय दिया हमने उतना समय भारत माता की रक्षा करने के लिए समर्पित किया। हम एक सैनिक के रूप में शपथ लेते हुए देश के लिए कई युद्ध भी लड़ने का काम किए हैं । हम और आप इस धरती पर किस मकसद से जन्म लिए हैं इसे समझते हुये अपने कर्मों को पुरा करना चाहिए ।समाज में इसी राष्ट्र की संस्कृति ने हमें ज्ञान और विज्ञान दिया है हमें अपने चरित्र का धनी बनना चाहिए यह आप लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए कि माता-पिता का सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है ।इसके बारे में भी हमें कुछ सोचना चाहिए हमें यहां कभी भी इस अहंकार में नहीं रहना चाहिए कि हम हमेशा इसी हालत में रहेंगे हमें कुछ समय के लिए महत्वपूर्ण समय मिला है और इसका सदुपयोग करना चाहिए । माता पिता का आदर सम्मान करते हुए देश की एकता और रक्षा के लिए हमें सब कुछ न्योछावर भी कर देना पड़े तो कर देना चाहिए । क्योंकि मानव जीवन बार-बार इस धरती पर नहीं मिलता है पायलट बाबा ने किसानों के ऊपर फोकस करते हुए कहा कि जो किसान हमारे अन्नदाता है सर्दी , गर्मी और बरसात में हाड़ – तोड़ मेहनत कर अपने पसीने की कमाई से अन्न पैदा कर हमें भोजन उपलब्ध कराते हैं उनका भी सम्मान हमें और आप सबको करना चाहिए । सभी धर्म आत्मा को परमात्मा से मिलाने का काम करते हैं दुनिया के जितने भी देवी , देवता हैं उन सब का आदर और विश्वास करना चाहिए । क्यों कि विश्वास ही परमात्मा है अगर जिसे विश्वास हो गया परमात्मा उसके साथ साथ हो गए विश्वास करने वालों के साथ परमात्मा सोते ,जागते , उठते – बैठते हमेशा उसके सामने खड़े रहते हैं । ईश्वर की प्राप्ति के लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है ईश्वर आपकी आत्मा के अंदर बैठे हुए हैं अपने कर्मों को हमेशा करते रहना चाहिए । ईश्वर सर्वज्ञ है ,सर्वव्यापी है केवल जरूरत है विश्वास करने कि यदि विश्वास है तो परमात्मा आपके पास है और नहीं विश्वास है परमात्मा को खोजते रह जाएंगे आपको कहीं भी नहीं मिल पाएंगे ईश्वर का कोई जाति -धर्म नहीं है ईश्वर न हिंदू है न मुस्लिम है न सीख न हीं ईसाई है ईश्वर को यदि खोजना है तो अपने आप में खोजो यदि ईश्वर आपके साथ नहीं हैं तो आप चल नहीं सकते हैं बोल नहीं सकते हैं और न ही आपके पास कुछ करने की क्षमता उत्पन्न हो सकती है । इसलिए विश्वास ही परमात्मा है इसे मानकर अपने कर्मों को सही तरीके से निभाना चाहिए अपने माता-पिता का सेवा करना , बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना ,असहाय निर्बल की सुरक्षा करना ही हमारा मानव धर्म है , यदि आत्मसमर्पण और विश्वास जिसके मन में आ गया समझो परमात्मा उसको मिल गया।
साध्वी लक्ष्मी माता ने कहा कि शिष्य का सबसे बड़ा कर्तव्य है कि अपने गुरु के पद चिन्हों पर चलते हुए सभी सत्कर्मों को करना चाहिए । ज्ञान विज्ञान से हमेशा बड़ा होता है विज्ञान खोजता है तो कहता है इसके आगे अभी और कुछ है और ज्ञान उसकी खोज कर लेता है । उन्होंने कहा कि बड़ा संत वही होता है जो अपने आस-पास बैठे किसी भी प्राणी को छोटा नहीं समझता हो । संतो के पास कभी भी अहंकार नहीं होते हमने पायलट बाबा को 8-10 दिन जल समाधि में बैठे हुए अपनी आंखों से देखा है वैसे संत कोई साधारण संत नहीं हो सकते । कार्यक्रम की समाप्ति के बाद करहिया स्थित मां कामाख्या का दर्शन किए।
कपिल सिंह से बने पायलट बाबा
पायलट बाबा का जन्म 15 जुलाई 1938 में बिहार के प्रान्त के रोहतास के सासाराम जनपद के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। इनके बचपन का नाम कपिल सिंह था। बाबा ने वाराणसी के विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।
वाराणसी से शिक्षा प्राप्त करने के बाद बाबा का चयन भारतीय वायु में हो गया था। जहां उन्होंने सन 1962, 1965 और 1971 में पाकिस्तान और चीन के खिलाफ हुई लड़ाई में पायलट के रूप में अपनी विशेष सेवाएं दी । जिसके लिए भारत सरकार से उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले हैं। संत बनने से पहले पायलट बाबा ने बॉलीबुड की कुछ फिल्मों में अभिनय का भी काम किया है। पायलट बाबा ने राज कपूर, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी आदि फिल्मी कलाकारों की फिल्मों में भी छोटे-छोटे चरित्र में अपना अभिनय निभाए हैं।
1972 के बाद इनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जब बाबा की भेंट हरि गिरी जी महाराज से हुई। हरि बाबा के व्यक्तित्व का गहरा असर कपिल सिंह के जीवन पर हुआ। हरि बाबा को उन्होंने गुरु मान लिया। इसके बाद कपिल सिंह का मन धर्म और आधात्म के क्षेत्र में पूरी तरह लग गया था। उसके बाद से कपिल सिंह महायोगी पायलट बाबा बन गए और हरि गिरी जी महाराज के साथ लगभग 14 वर्षों तक हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में कठिन साधना की। आज पायलट बाबा जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वरों में से एक हैं। बाबा के 17 शिष्य भी महामंडलेश्वर हैं। बाबा और उनके शिष्य धर्म-आध्यात्म के क्षेत्र में कई जनकल्याणकारी काम कर रहे हैं।
पायलट बाबा की समाज सेवी संस्थाएं पायलट बाबा के मार्गदर्शन में विश्व शांति अभियान, महायोग फाउंडेशन, योगमाता फाउंडेशन से कई समाज हित के लिये कार्य किए जा रहे हैं। पायलट बाबा का आश्रम गंगौत्री, हरिद्वार, वृंदावन, नैनीताल सहित विदेशों में भी आश्रम कई स्थानों विद्यमान है । इनके चाहने वाले देश विदेश में लाखों भक्त इनके अनुयाई है ।