गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम धूम्रपान और तंबाकू के सेवन की रोकथाम के लिए चलाया जा रहा है ताकि लोगों में तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
इसी क्रम में सोमवार को पुलिस लाइन के प्रशिक्षण हाल में जागरूकता एवं कानूनी जानकारी को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पुलिस लाइन में तैनात करीब 400 पुलिसकर्मियों को तंबाकू नियंत्रण संबंधी जानकारी दी गयी।
पुलिस लाइन में तैनात चिकित्साधिकारी और एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में पुलिस लाइन में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को तंबाकू को लेकर कानूनी जानकारी विशेषरूप से तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा) के बारे में दी गई। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान करना प्रतिबंध है। धारा 5 के अंतर्गत सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध। धारा 6 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और किसी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि में सिगरेट, तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना। धारा 7, 8 एवं 10 के अंतर्गत बिना विशिष्ठ स्वास्थ्य चेतावनियों के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना है।
डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि कोटपा के उल्लंघन के लिए दंड की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है जिसमें धारा 4 का उल्लंघन करने पर व्यक्तिगत अपराध के लिए 200 रुपये तक जुर्माना एवं स्वामी प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए सार्वजनिक स्थानों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना है। धारा 5 का उल्लंघन करने पर 1000 रुपये का जुर्माना, दूसरा अपराध पाँच वर्ष की सजा या 5000 रुपये तक का जुर्माना। धारा 6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपये का जुर्माना। धारा 7, 8 और 10 का उल्लंघन करने पर पहले अपराध में दो वर्ष की सजा या 5000 रुपये का जुर्माना, दूसरा अपराध करने पर पाँच वर्ष की सजा या 10,000 रुपये तक का जुर्माना है। इसके अंतर्गत यदि कोई खुदरा बिक्री करते हुए पाया जाता है तो पहले अपराध पर एक वर्ष की सजा या 1000 रुपये का जुर्माना और दूसरे अपराध करते हुए पाया जाने पर दो वर्ष की सजा या 3000 रुपये के जुर्माने की राशि निर्धारित है।
गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के डॉ के के सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना है जिसके लिए समय-समय पर आम जनमानस को जानकारी देने का कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि दुनिया में लगभग 55 लाख लोग प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन से मरते हैं जबकि उनमें से लगभग आठ लाख भारतीय प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन से मरते हैं जो कि क्षय रोग और मलेरिया के कारण मरने वाले कुल लोगों से बहुत अधिक है। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 में से 40 लोग तंबाकू के प्रयोग के कारण मरते हैं जिसमें लगभग 95% मुंह के कैंसर से ग्रसित होते हैं। उन्होने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्ति, तंबाकू सेवन नहीं करने वाले व्यक्तियों से 10 वर्ष अधिक बड़े होने का अनुभव करते हैं और उनसे 10 वर्ष पहले मरते हैं।
इस कार्यशाला में एसीएमओ डॉ के के वर्मा, जिला कंसलटेंट रवि शंकर चौरसिया, एनटीसीपी के एसीपी डॉ अभिषेक और आर आई पुलिस लाइन चंद्र भूषण सिंह आदि लोग मौजूद रहे।