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मनिया की बेटी बनी जज

गहमर(गाजीपुर)। क्षेत्र के मनिया गांव निवासी रुस्तम खान की पुत्री हुस्ना रुस्तम खान ने जज बनकर क्षेत्र और गांव का नाम रोशन किया है।

हुस्ना रुस्तम खान महाराष्ट्र के औरंगाबाद में अपने परिवार के साथ में रहती हैं। करीब 4 वर्ष पूर्व पिता की मृत्यु के बाद हुस्ना खान ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ ही उनकी सपने को पूरा करने के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन एवं मजिस्ट्रेट 2019 की परीक्षा परीक्षा पास कर सिविल जज बनी है। अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और शिक्षक को देते हुए हुस्ना ने बताया कि पिता की मौत के बाद उन्हें विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था लेकिन पिता के सपने को पूरा करने के लिए उनकी मां ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाते हुए मुझे प्रेरित करती थी। इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद दसवीं की पढ़ाई राजीव गांधी उर्दू हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा तलत जूनियर कॉलेज औरंगाबाद से किया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद लॉ की डिग्री बीएसएल, एलएलबी, वीएन पतील लॉ कॉलेज औरंगाबाद महाराष्ट्र से किया। औरंगाबाद के जूनियर डिवीजनल मजिस्ट्रेट 2019 की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पासकर सिविल जज बनी हुस्ना के पैतृक गांव मनिया में खुशी का माहौल व्याप्त है। औरंगाबाद महाराष्ट्र जिले की पहली मुस्लिम लड़की हैं जिन्होंने इस पद को पाया है। जज बनने के बाद उसने बताया कि मैं गरीबों मजलुमो की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहूंगी और युवा पीढ़ी की लड़कियों को जो सिर्फ घर से निकलकर रसोई घर तक ही रह जाती हैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वह अपने हौसले को और आगे बढ़ाएं और अपने लक्ष्य के लिए डट कर मेहनत करें।