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प्रिंस कुमार वैज्ञानिक सहायक बन जिले का नाम किया रोशन

कंदवा(चन्दौली)। अगर लगन और मेहनत हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना नामुमकिन नहीं होता। इस बात को बरहनी विकास खण्ड के भैंसा गांव निवासी प्रिंस कुमार राय ने साबित कर दिखाया है। देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च सेंटर कलपक्कम चेन्नई में वैज्ञानिक सहायक बन कर जिले का नाम रोशन कर इस युवा ने बता दिया है कि जिसमें काबिलियत होगी सफलता उसके कदम जरूर चूमेगी। बेटे की इस सफलता पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

भैंसा गांव के रहने वाले प्रिंस राय के पिता अर्जुन राय पुत्र बब्बन राय पेशे से किसान हैं।दो भाई व एक बहन में दूसरे नम्बर पर के प्रिंस बचपन से ही पढ़ने में होनहार रहे।उन्होंने हरिद्वार राय इंटर कालेज कमालपुर से 2013 में हाईस्कूल परीक्षा 79.33 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद 2016 में राजकीय कालेज बिजनौर से पालीटेक्निक किया।उसके बाद वे प्रयागराज में रह कर पीसीएस की तैयारी कर रहे अपने बड़े भाई चंद्रभूषण राय के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।इस बीच उन्होंने देश के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर में परीक्षा दिया।उसमें प्रिंस ने पूरे भारत में डिप्लोमा होल्डरों के लिए निर्धारित 27 सीटों में से दूसरा रैंक लाकर सफलता का परचम लहराया।इससे उसके माता-पिता के साथ साथ परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर खुशी देखते बन रही है।जब चयन का स्पीडपोस्ट घर पहुंचा और बेटे के चयन कि खुशखबरी पिता को मिली तो बेटे कि उपलब्धि पर माता पिता के खुशी का ठिकाना न रहा। बतादें कि इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर कलपक्कम प्रतिष्ठित संस्थान है।जो देश के परमाणु रिसर्च से संबंधित योजनाओं पर काम करती है।

बचपन से ही था वैज्ञानिक बनने का सपना

कंदवा।प्रिंस के पिता अर्जुन राय ने अमर उजाला से बातचीत करते हुए कहा कि बेटे को बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना था। इसके लिए वो शुरू ही मेहनत करता था। पिता ने बताया कि उसकी सफलता में उसके शिक्षकों का भी बड़ा योगदान है।इस खुशी ने साबित कर दिया है कि मेहनत से बड़ा कुछ नहीं होता।