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जिलाधिकारी ने पोलियो की खुराक पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का किया शुभारम्भ

गाजीपुर। जनपद सहित पूरे प्रदेश में रविवार को पल्स पोलियो अभियान के तहत बूथ दिवस पर जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों को एक साथ पोलियो की खुराक पिलाई गयी। जनपद में इसका शुभारंभ महाराजगंज उपकेंद्र पोलियो बूथ पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य द्वारा जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर किया गया।

जिला अधिकारी ने पल्स पोलियो के लिए दिए गए लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि प्रदेश में गाजीपुर का पहला स्थान आ सके। इस दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए स्टाल का भी अवलोकन किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी अपर/उप मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद के कई बूथों का अवलोकन किया और वहां पर आए हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पीने के बाद यूनिसेफ के द्वारा प्रदान किए गए टोपी, सीटी व अन्य सामान देकर उनके अभिभावकों को अगले पल्स पोलियो अभियान में फिर से शरीक होने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जीसी मौर्य ने बताया कि यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरके सिन्हा ने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण के लिए भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.5 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है। इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गयी हैं जो 20 से 24 जनवरी तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। वहीं एक अन्य बैक-अप टीम 27 जनवरी को छूटे हुये बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का कार्य करेगी। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 85 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के आज के इस कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए 6027 एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।

डब्ल्यूएचओ के डॉ पंकज सुथार ने बताया कि यह अभियान ‘एक भी बच्चा छूटा, समझो सुरक्षा चक्र टूटा’ कुछ इन्हीं बातों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पिछले कई सालों से पल्स पोलियो का अभियान चलाकर भारत से पोलियो का नामोनिशान मिटाने में लगी हुई है। पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।

कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ के के वर्मा, एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा, डीपीएम प्रभुनाथ, यूनिसेफ के आशीष, लेखाकार अमित राय आदि लोग उपस्थित रहे।