सुहवल। आंगनबाडी कार्यकर्तियों ने मुख्य सेविका पर अवैध धन उगाही उत्पीड़न के साथ ही पोषाहार बेचने का गंभीर आरोप लगाने के बाद मामले की गंम्भीरता को देखते हुए सीडीपीओ ने बैठाई जांच ।
एक तरफ सरकार जहाँ भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर प्रतिबद्ध है, वहीं बाल विकास परियोजना विभाग में तैनात मुख्य सेविका कुसुम गुप्ता के रवैये से विभागीय अधिकारी भी पूरी तरह से लाचार नजर आ रहे है, मुख्य सेविका के द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्तियों के समय-समय पर होने वाली विभागीय मीटिंग के नाम पर कार्यवाही का निपटारा कम, धन की अवैध वसूली एवं कार्यकर्तियों का बेजा उत्पीड़न करने का कर्मचारियों ने खुलेआम आरोप लगाया है, इसको लेकर आंगनबाडी कार्यकर्तियों ने विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है, जिसके चलते विभाग में हडकंम्प मचा हुआ है ।इसको लेकर आंगनबाडी कार्यकर्तियों ने मुख्य सेविका के खिलाफ कार्यवाही न होने पर आंदोलन की चेतावनियां दी है ।यही नहीं उक्त मुख्य सेविका पर कार्यकर्तियों ने यहाँ तक गंभीर आरोप लगाए कि उनके नाम पर एलाट पोषाहार संम्बन्धित कर्मियों पर अपने अधिकारों का रौब जमा उठा उसे खुले बाजार में बेंच देती है, जब कर्मी उनसे शिकायत करते है तो उनका मुह बन्द रखने के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का भय दिखाया जाता है, वहीं आंगनबाडी कार्यकर्तियों के साथ ही ग्रामीणों ने भी यह गंभीर आरोप लगाया कि वह खुद अपने कार्यालय पर समय से कभी नहीं आती है, क्षेत्र भ्रमण के नाम पर उपस्थिति पंजिका में हाजिरी बना नदारद हो जाती है, जिसके कारण बहुत से विभागीय काम उनकी उदासीनता के कारण रूके पडे है ।कर्मचारियों ने यहाँ तक आरोप लगाया कि उक्त मुख्य सेविका के द्वारा विभागीय मिंटिग के दौरान बराबर आंगनबाडी कार्यकर्तियों से साथ अपशब्दों का प्रयोग करने के साथ ही, कर्मियों को बेजा रूप से जलील करने के साथ ही उनका हर तरह से उत्पीड़न किया जाता है ।इस मामलें रेवतीपुर सीडीपीओ माधुरी सिंह ने कहा कि उक्त मुख्य सेविका के खिलाफ कई तरह के गंभीर शिकायतें आंगनबाडी कार्यकर्तियों के द्वारा मिला है, जिसकी जांच की जा रही है, जांचो-परांत मामलें में दोषी पाए जाने पर मुख्य सेविका के खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाई की जायेगी ।