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प्लेटफार्म के बेड निर्माण में मानकों की अनदेखी

सुहवल। नये प्लेटफार्म के बेड के निर्माण में हो रहा है घटिया किस्म के मिट्टी का प्रयोग । केन्द्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार बहुप्रतीक्षित 51 किमी लंम्बी ताडीघाट मऊ रेल खंड के विस्तारिकरण के मद्देनजर सोनवल में प्रस्तावित बन रहा नया रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन प्लेटफार्म के (बेड) के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मिट्टी की जगह घटिया किस्म के मिट्टी का प्रयोग कार्यदाई संस्थान के द्वारा धडल्ले से किया जा रहा है।

जिसको लेकर मानकों पर सवाल उठने लगे है, यही नहीं घटिया किस्म के मिट्टी का प्रयोग होने के बावजूद बेड को संम्बन्धित तकनीकी टीम के द्वारा अपने तरफ से हरी झंडी देना भी अपने आप में बहुत से सवाल खडे कर रहा है ।यही नहीं इसके पूर्व में कई महीनें पहले पीएमओ से आई चार सदस्यीय टीम के द्वारा सोनवल में स्टेशन के पास बन रहे रेल पुल में प्रयुक्त होने वाली सीमेंट की जांच में भारी अनिमियत्ता पाए जाने पर सैकडों बोरी सीमेंट को टीम ने निर्माण में प्रयोग करने से रोकने के साथ ही पुल के नीचे बनाए गये सिमेंटेड बेस को तोडवा दिया था । वहीं लोगों का कहना है कि यह बडे ही दुर्भाग्य की बात है कि जब इस अतिमहत्वपूर्ण परियोजना पर सीधे पीएमओ कार्यालय की नजर होने समय-समय पर इसकी मानिरटिंग के बावजूद जिस धडल्ले से प्लेटफार्म के निर्माण में निर्धारित मानको की धज्जियां उडाई जा रही है । इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि इसमें कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की कडे काफी गहरी कडे जमा चुकी है ।मालूम हो कि सोनवल में बन रहे रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म जो करीब 700 मीटर लंम्बा, एक फुट ओवरब्रिज, आरपीएफ, जीआरपी, ,टिकट घर,पैनल रूम,स्टेशन अधीक्षक आफिस, अन्य आवासीय, सहित छह नई ट्रैक भी लगाने के साथ ही कई छोटे-बड़े रेल पुल भी बनाए जा रहे है ।लोगों जा कहना है कि चल रहे निर्माण कार्यों की गहनतापूर्वक जांच की जानी चाहिए ताकि निर्धारित मानकों के अनुसार निर्माण कार्य होने के साथ ही भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो सके ।पिछले कई दशकों से पटेल आयोग की संतुस्तियों के उपरांत बीते 14 नंम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन रेल राज्य संचार मंत्री मनोज सिन्हा की पहल एवं कैविनेट की मंजूरी के उपरांत करीब 1700 करोड़ की लागत से बनने वाले विस्तारिकरण इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का शिलान्यास किया था, जो दो चरणों में पूरी की जानी है, पहला सोनवल से सीटी स्टेशन गाजीपुर, जबकि दूसरा चरण घाट स्टेशन से मऊ तक इसका विस्तारिकरण होना है, पहले चरण का काम आगामी मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है ।इस मामलें में आरवीएनएल के परियोजना निदेशक सत्यम् कुमार ने कहा कि निर्माण में मानकों का निर्धारण किया हा चुका है, इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा, अगर मानकों के विपरीत मिट्टी का प्रयोग प्लेटफार्म के बेड निर्माण में किया जा रहा है तो इसकी जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्यवाई के साथ ही दोयम दर्जे की मिट्टियों को हटवाया जायेगा ।